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अमित शाह ने इंदौर में रंजना बघेल सहित अन्य असंतुष्टों से की बातचीत, सभी के मानने की उम्मीद

इंदौर। प्रत्याशी घोषित होने के बाद भाजपा में भितरघात रोकने की कवायद तेज हो गई है। सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह इंदौर में थे। वे रविवार रात ही उज्जैन से इंदौर आ गए थे। उन्होंने टिकट वितरण से उपजे असंतोष को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए सोमवार सुबह मनावर विधानसभा सीट से दावेदारी कर रही रंजना बघेल सहित संभाग के अन्य असंतुष्टों से चर्चा की।

ये सभी वे भाजपा नेता हैं जो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बना चुके थे। इनमें से कुछ ने तो नामांकन पत्र जमा भी कर दिया है। बताया जा रहा है कि शाह से चर्चा के बाद सभी असंतुष्टों के मानने की उम्मीद है। जिन असंतुष्टों ने नामांकन फार्म जमा कर दिया है वे निर्धारित तारीख तक अपना नामांकन पत्र वापस ले लेंगे। जिन नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया गया था उनमें बुरहानपुर और धार के टिकटों के नाराज नेता भी शामिल थे। धार में नीना वर्मा को टिकट दिए जाने से राजीव यादव और बुरहानपुर में अर्चना चिटनिस को टिकट मिलने से पूर्व सांसद नंदकुमार सिंह के बेटे हर्षवर्धन नाराज हैं। शाह सोमवार दोपहर करीब तीन बजे ग्वालियर के लिए रवाना हो गए।

इंदौर संभाग के कार्यकर्ताओं की बैठक निरस्त की

गृह मंत्री रविवार को इंदौर पहुंचे थे। बाद में वे यहां से उज्जैन रवाना हो गए। रविवार देर रात तक उज्जैन संभाग के कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के बाद देर रात ही शाह इंदौर लौट आए। वे यहां ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (बीसीसी) में ठहरे थे। यहां उन्हें सोमवार सुबह इंदौर संभाग के कार्यकर्ताओं की बैठक लेना थी, लेकिन 30 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख होने की वजह से यह बैठक निरस्त कर दी गई थी। बाद में शाह ने संभाग के करीब आधा दर्जन असंतुष्ट नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। बैठक में इंदौर के किसी भी नेता की इंट्री नहीं थी। बताया जा रहा है कि ज्यादातर असंतुष्ट नेता शाह से चर्चा के बाद संतुष्ट नजर आए।

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