करोड़ों की ठगी में एडवाइजरी फर्म संचालक गिरफ्तार, आत्महत्या का सुन लौट आती थी पुलिस
इंदौर। क्राइम ब्रांच ने फर्जी एडवाइजरी फर्म संचालक अश्विन परमार को गिरफ्तार किया है। आरोपित की महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब की पुलिस भी तलाश में थी। स्वजन आत्महत्या की रिपोर्ट बताकर पुलिस को खाली हाथ लौटा देते थे। डीसीपी ने साइबर सेल को सक्रिय किया तो आरोपित महसाणा में घूमता मिला। आरोपित सैकड़ों निवेशकों से करीब 20 करोड़ रुपये ठग चुका है।
पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर के मुताबिक, कुआं फलिया शामक सीहना मुवाड़ा बाही तहसील सेहरा जिला पंचमहल (गुजरात) निवासी अश्विन गणपतसिंह परमार सूर कैपिटल और वेद कैपिटल के नाम से एडवाइजरी फर्म संचालित करता था। आरोपित शेयर बाजार में निवेश करवाने और निवेश की गई राशि का चार गुना लौटाने का झांसा देता था।
ठगी कर रातोंरात गायब हो गया
आरोपित ने विभिन्न राज्यों के निवेशकों से रुपये जमा करवाए और रातोंरात फरार हो गया। पुलिस ने करीब 15 पीड़ितों की शिकायत पर एफआइआर दर्ज कर आरोपित को ढूंढा तो स्वजन ने कहा कि उसने तो आत्महत्या कर ली है। कर्ज होने के कारण वह नहर में कूद गया था। स्वजन ने नहर किनारे मिले कपड़े और थाने की रिपोर्ट भी पुलिस को बताई।
तीन राज्यों की पुलिस को तलाश
डीएसपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक, पुलिस ने उसके बैंक खातों की जानकारी निकाली तो पता चला कि अश्विन जिंदा है। उसने निवेशकों को भोपाल से कारोबार करना बताया था, जबकि उसकी दोनों कंपनियां गुजरात से संचालित हो रही थी। राजस्थान, महाराष्ट्र और पंजाब की पुलिस भी उसे ढूंढ रही थी। पुलिस ने तकनीकी जानकारी जुटाई और रविवार को आरोपित को महसाणा से गिरफ्तार कर लिया। खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन भी मिला है।
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