ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

रोज करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, जल्द बनेंगे विवाह के योग

परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर:।।

प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम:।

नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे ।।

तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर:।

यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।

अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।

त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान ।।

विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन ।

ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।।

बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम:।

भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम ।।

जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम:।

नम:शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।

नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।

स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन:।।

य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।

पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।

राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।

भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।

अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।

रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।

यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।

प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत:।।

सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि:।।

शुक्र ग्रह कवच

मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम् ।

समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥

ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः ।

नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनदयुतिः ॥

पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः ।

जिह्वा मे चोशनाः पातु कंठं श्रीकंठभक्तिमान् ॥

भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः ।

नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः॥

कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरु मे सुरपूजितः ।

जानू जाड्यहरः पातु जंघे ज्ञानवतां वरः ॥

गुल्फ़ौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वरांबरः।

सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥

य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः ।

न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.