ब्रेकिंग
ससुराल लौटने से पत्नी का इनकार, पति ने मासूम बेटे पर निकाला गुस्सा, जमीन पर पटक कर मार डाला बीजेपी जैसे अयोध्या में हारी, वैसे ही गुजरात में हारने वाली है, अहमदाबाद में बोले राहुल गांधी 48 घंटे के अंदर टीम इंडिया से बाहर होने वाले खिलाड़ी का बड़ा बयान, डेब्यू करने का सपना टूटा बिना परमिशन कोई भी Switch Off नहीं कर पाएगा आपका फोन, ऐसे एक्टिवेट करें पासवर्ड खुशी से उछल पड़ेंगे Jio यूजर्स, इन 2 प्लान्स में फ्री मिल रहा 20GB डेटा सुहागिनों के लिए मंगला गौरी व्रत क्यों होता है खास? जानें कब से होगा शुरू रिफॉर्मिस्ट मसूद पेजेशकियान होंगे ईरान के नए राष्ट्रपति, कट्टरपंथी जलीली का नहीं चला सिक्का पीरियड्स होने पर छोटी छोटी बात पर रोने क्यों लग जाती हैं लड़कियां? 10 एपिसोड, 10 घंटे की मिर्जापुर की वो 5 खामियां जो इसे बाकी दोनों सीजन से बोरिंग बनाती हैं यासीन भटकल के गांव गया, लेना चाहता था एनकाउंटर का बदला; गिरफ्तार आतंकी फैजान को लेकर बड़ा खुलासा

डायरेक्ट USB सॉकेट से चार्ज करते हैं स्मार्टफोन? फोन तो खराब होगा ही साथ में हो सकता है धमाका

एक तरफ जहां लोग स्मार्टफोन चार्जिंग के लिए अभी एडप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं अब कई घरों में स्मार्ट स्विचबोर्ड का इस्तेमाल होने लग गया है. इनमें डिवाइस चार्जिंग के लिए USB पॉइंट बना होता है, जिसके जरिए बिना एडप्टर के डायरेक्ट स्मार्टफोन को चार्ज किया जा सकता है. अब कई दीवार आउटलेट्स और पावर स्ट्रिप्स में USB सॉकेट्स उपलब्ध होते हैं. हालांकि, इस तरीके की चार्जिंग के भी कुछ नुकसान हैं. आइए जानते हैं कि क्या समस्याएं हो सकती हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं…

  • ओवरहीटिंग और आग लगने का खतरा: अगर USB सॉकेट का वोल्टेज और करंट आउटपुट स्मार्टफोन के चार्जिंग स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं है, तो इससे ओवरहीटिंग हो सकती है, जो कि आग लगने का कारण बन सकता है.
  • बिजली के झटके का खतरा: अनप्रोटेक्टेड और सस्ते USB सॉकेट्स बिजली के झटके का खतरा बढ़ा सकते हैं. डायरेक्ट यूएसबी चार्जिंग बोर्ड के मामले में भी ऐसा ही हो सकता है.
  • बैटरी और हार्डवेयर का नुकसान: गलत वोल्टेज और करंट आउटपुट से स्मार्टफोन की बैटरी और दूसरे हार्डवेयर में नुकसान हो सकता है, जिससे फोन की लाइफ कम हो सकती है.
  • डेटा चोरी और मैलवेयर का खतरा: पब्लिक USB सॉकेट्स का इस्तेमाल करने से डेटा चोरी और मैलवेयर अटैक का खतरा हो सकता है, जिसे “जूस जैकिंग” कहा जाता है.

खतरे से बचने के लिए क्या करें?

  • क्वालिटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें: केवल ब्रांडेड और सर्टिफाइड USB सॉकेट्स और चार्जर का उपयोग करें, जो आपके स्मार्टफोन के चार्जिंग मानकों के अनुकूल हों.
  • वोल्टेज और करंट की जांच करें: तय करें कि USB सॉकेट का वोल्टेज और करंट आउटपुट आपके स्मार्टफोन के चार्जिंग मानकों के मुताबिक हो. ज्यादातर स्मार्टफोन्स के लिए यह 5V/2A होता है, लेकिन यह मॉडल पर निर्भर करता है.
  • सेफ्टी पर ध्यान दें: बिजली के झटके से बचने के लिए सॉकेट्स का इस्तेमाल करते समय उचित सेफ्टी तरीके अपनाएं. वहीं पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर चार्जिंग करते समय डेटा ट्रांसफर को रोकने के लिए डेटा ब्लॉकिंग केबल्स का यूज करें.
  • अनऑफिशियल सॉकेट्स से बचें: बिना जानकारी वाले और अनप्रोटेक्टेड USB सॉकेट्स का इस्तेमाल न करें, खास तौर से पब्लिक प्लेस पर.
  • चार्जिंग टाइम पर ध्यान दें: अधिक समय तक स्मार्टफोन को चार्जिंग पर न छोड़ें. ओवरचार्जिंग से बैटरी की लाइफ कम हो सकती है और ओवरहीटिंग का खतरा बढ़ सकता है.

कुलमिलाकर डायरेक्ट USB सॉकेट से स्मार्टफोन को चार्ज करना सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन इसके साथ कुछ खतरे भी जुड़े होते हैं. इन खतरों से बचने के लिए हाई क्वालिटी वाले चार्जिंग डिवाइस का उपयोग करें, पब्लिक सॉकेट्स से बचें और सही वोल्टेज और स्टैंडर्ड का पालन करें. सही सावधानियों के साथ, आप अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित तरीके से चार्ज कर सकते हैं. बेहतर होता है कि स्मार्टफोन को उसके ऑरिजनल चार्जर से पावर दी जाए वरना ब्लास्ट का खतरा रहता है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.