मिडिल क्लास को राहत की दरकार, क्या PPF पर ब्याज दरें बढ़ाएगी सरकार?
चुनाव हो चुका है. एनडीए की सरकार आ चुकी है. सांसद और मंत्री शपथ ले चुके हैं. अब आम लोगों या यूं कहें कि मिडिल क्लास को बड़ी राहत का इंतजार है. वो राहत है स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा. नई सरकार के गठन के बाद सरकार के सामने अब जुलाई से सितंबर तिमाही के बीच स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में बदलाव करने का बड़ा टास्क सामने है. स्मॉल सेविंग स्कीम्स की सबसे पॉपुलर स्कीम पब्लिक प्रोविडेंट फंड के निवेशकों को ब्याज दरों में इजाफे का इंतजार है. पीपीएफ की ब्याज दरों में आखिरी बार बदलाव अप्रैल-जून 2020 की तिमाही के लिए किया गया था. तब से चार साल बीत चुके हैं और पीपीएफ की ब्याज दरें 7.1 फीसदी पर बनी हुई हैं.
इसी दौरान, केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में 0.40 फीसदी से लेकर 1.50 फीसदी तक का इजाफा किया था. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या सरकार इस बार पीपीएफ में निवेश करने वाले लोगों को आखिरकार खुश कर देगी? केंद्र सरकार जुलाई से सिंबर तिमाही के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम (एससीएसएस), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), पोस्ट ऑफिस मंथली सेविंग स्कीम (पीओएमआईएस) और दूसरी सेविंग स्कीम्य की ब्याज दरों की घोषणा 30 जून 2024 कर सकती है. आइए आने वाली तिमाही के लिए सरकार इन स्कीम्स की ब्याज दरों में कितना इजाफा कर सकती है, जानकारों के हवाले से समझने की कोशिश करते हैं.
PPF ब्याज दर की कैलकुलेशन कैसे की जाती है?
स्मॉल सेविंग स्कीत्स – पीपीएफ, एससीएसएस, एसएसवाई और दूसरी योजनाओं की ब्याज दरें सेकंडरी मार्केट में 10-साल सरकारी सिक्योरिटीज की मार्केट यील्ड से जुड़ी हुई हैं. केंद्र सरकार पिछले तीन महीनों की औसत सरकारी सिक्योरिटी यील्ड के आधार पर हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है. यह श्यामला गोपीनाथ समिति, 2011 की सिफारिशों के आधार पर होता है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरें बाजार से जुड़ी हुई हैं.
PPF की ब्याज दर क्या होनी चाहिए?
2016 में वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित फॉर्मूले के अनुसार, पीपीएफ में बेंचमार्क यील्ड पर 0.25 फीसदी का अंतर होता है. Investing.com के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च से मई 2024 तक बेंचमार्क 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड औसतन 7.02 फीसदी रही है. फॉर्मूले के अनुसार, पीपीएफ की ब्याज दर संबंधित मैच्योरिटी की औसत 10-साल की जी-सेक यील्ड से 0.25 आधार अंक अधिक होगी. इसलिए इस प्रोसेस को सख्ती से अपनाते हुए, जुलाई 2024 से पीपीएफ दर 7.27 फीसदी आंकी जानी चाहिए।
क्या सरकार PPF की ब्याज दर बढ़ाएगी?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही आगामी तिमाही के दौरान पीपीएफ ब्याज दर में थोड़ी बढ़ोतरी की गुंजाइश हो, लेकिन सरकार इसमें यथास्थिति बनाए रख सकती है. सेबी से रजिस्टर इंवेस्टमेंट एडवाइजर और सहजमनी.कॉम के फाउंडर अभिषेक कुमार मीडिया रिपोर्ट में कहते हैं कि महंगाई कंट्रोल में है और 10 साल की जी-सेक पर यील्ड 7 फीसदी के आसपास है, हमें नहीं लगता कि रिवाइज साइकिल के दौरान पीपीएफ पर ब्याज बढ़ेगा और उम्मीद है कि ब्याज दर पर यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी.
ऐतिहासिक रूप से सरकार ने पीपीएफ या अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर तय करने के लिए श्यामला गोपीनाथ समिति द्वारा रेकेमेंडिड फॉर्मूले का लगातार पालन नहीं किया है. ऐसे उदाहरण हैं जहां गोपीनाथ समिति के निर्धारित फॉर्मूले ने कम ब्याज दर का संकेत दिया था, फिर भी सरकार ने पीपीएफ पर हाई रेट देने का ऑप्शन चुना. इसलिए, केवल वृद्धि का सुझाव देने वाले फॉर्मूले के आधार पर पीपीएफ ब्याज दर 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही में आवश्यक रूप से नहीं बढ़ सकती है.
चार साल से क्यों नहीं बढ़ी PPF की ब्याज दर?
पीपीएफ की छूट-छूट-छूट या ईईई स्टेटस ही ऐसा कारण दिखाई दे रहा है कि जिसकी वजह से इसकी ब्याज दरों में बीते 4 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है. पीपीएफ कुछ स्मॉल सेविंग स्कीम्स में से एक है जिसमें कई तरह के छूट के प्रावधान हैं. पीपीफा में किया गया निवेश निवेशकों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट देता है. पीपीएफ अकाउंट से निवेशकों को ब्याज मिलता है वो टैक्स फ्री होता है.
इसके अलावा, पीपीएफ अकाउंट के मैच्योर होने वाली कमाई पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है. इसलिए, अगर आप टैक्स फ्री यील्ड के हिसाब से देखें तो पीपीएफ स्मॉल सेविंग स्कीम्स में सबसे अच्छा रिटर्न दे रहा है. कुछ जानकारों के अनुसार छूट स्टेटस प्राप्त होने के बावजूद, केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर बढ़ाकर 8 फीसदी कर दी है. जबकि पीपीए का एयूएम एसएसवाई के मुकाबले ज्यादा बड़ा है.
SCSS, NSC और सुकन्या समृद्धि की ब्याज दरें बढ़ेंगी?
क्या सरकार पीपीएफ, एससीएसएस, एनएससी और एसएसवाई जैसी अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव करेगी? इसका उत्तर देते हुए, जानकार कहते हैं कि स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई बदलाव होने की संभावना ना के बराबर है. जुलाई के महीने में जो बजट आएगा, उसमें ये बात स्पष्ट होगी कि स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा कब किया जा सकता है. बजट के बाद वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ब्याज दरों में इजाफे की कुछ संभावनएं दिखाई दे सकती हैं.
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