इस प्रदोष व्रत में बन रहा खास योग, ऐसे बरसेगी भगवान शिव की कृपा, जाने तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत मानव कल्याण के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है, यह व्रत महीने में 2 बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव के साथ साथ सम्पूर्ण शिव परिवार की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है. इसलिए इस दिन भगवान शिव के साथ सम्पूर्ण शिव परिवार की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि पूर्ण श्रद्धा और विधि विधान के साथ प्रदोष व्रत रखने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत रखा जाता है. इस प्रदोष व्रत पर बहुत से शुभ संयोग बन रहे हैं, इसलिए ये प्रदोष व्रत बहुत खास माना जा रहा है.
प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 3 जुलाई 2024, दिन बुधवार की सुबह 7 बजकर 10 मिनट से होगा, और इसका समापन अगले दिन यानी 4 जुलाई 2024 की सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर होगा. प्रदोष व्रत में त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल के समय पूजा अर्चना करना अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए उदया तिथि के अनुसार, इस बार जुलाई माह का पहला प्रदोष व्रत 3 जुलाई 2024, दिन बुधवार को रखा जाएगा. यह प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है इसलिए यह व्रत बुध प्रदोष व्रत होगा.
इस प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं शुभ संयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार के बुध प्रदोष व्रत के दिन बहुत से शुभ संयोग बन रहे हैं, इसलिए ये प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जा रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रोहिणी नक्षत्र जैसे बहुत शुभ योग बनेंगे जो इस व्रत के प्रभाव को बहुत बढ़ा देंगे.
सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बुध प्रदोष व्रत पर बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग एक अत्यंत शुभ योग माना जाता है. मान्यता है कि इस योग के दौरान सभी ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं. इसलिए इस योग के दौरान किए गए सभी कार्य सफल होते हैं.
रोहिणी नक्षत्र
इस प्रदोष व्रत के दिन रोहिणी नक्षत्र का भी प्रभाव रहेगा. यह नक्षत्र 3 जुलाई की सुबह से आरंभ होकर अगले दिन 4 जुलाई की सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक प्रभावी रहेगा. रोहिणी नक्षत्र बहुत शुभ माना जाता है. इस दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है.
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