NEET UG: 4 फीसदी से कम अभ्यर्थियों को मिले 600 और उससे अधिक नंबर, जानें रिवाइज्ड रिजल्ट की पूरी डिटेल
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए ने शनिवार 20 जुलाई को नीट यूजी का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया. एनटीए ने लगभग 23.5 लाख उम्मीदवारों के व्यक्तिगत स्कोर जारी किए, जो एनईईटी-यूजी 2024 परीक्षा में शामिल हुए थे. कुल उम्मीदवारों में से, 81,000 से कुछ अधिक उम्मीदवारों (या 3.49 प्रतिशत) ने इस साल परीक्षा में 720 में से 600 और उससे अधिक अंक हासिल किए हैं. 2023 में ऐसे 29,351 उम्मीदवार थे (कुल का 1.43 प्रतिशत) वहीं 2022 में, 21,164 उम्मीदवार थे (कुल 1.19 प्रतिशत).
600 से अधिक का स्कोर 2023 में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट पाने के लिए पर्याप्त था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार एनटीए द्वारा जारी शहर वार और केंद्र वार परिणामों के अनुसार, कुल 4,750 में से 100 से अधिक केंद्र जहां एनटीए डेटा से पता चलता है कि इस साल आयोजित प्रवेश परीक्षा में राष्ट्रीय औसत की तुलना में उच्च अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों (720 अंकों में से 600 से अधिक अंक) की हिस्सेदारी तीन गुना से अधिक थी.
आईआईटी-मद्रास का विश्लेषण
इन 109 परीक्षा केंद्रों में से आधे से अधिक केंद्र सीकर (44) और कोटा (16) में स्थित हैं, जो राजस्थान में कोचिंग केंद्र हैं. उच्च अंक प्राप्त करने वाले सीकर के 44 परीक्षा केंद्रों में से आधे से अधिक (24) केंद्रों में 600 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों का राष्ट्रीय औसत कम से कम पांच गुना (18 प्रतिशत और अधिक) है. यह आईआईटी-मद्रास द्वारा नीट-यूजी परिणामों के विश्लेषण के अनुरूप है, जिसे केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था और कहा था कि परिणामों में किसी बड़े पैमाने पर कदाचार का संकेत देने वाली कोई असामान्यता नहीं है.
इस साल परीक्षा में शीर्ष 60,000 रैंकर्स का शहरवार विस्तार सीकर में 3,405, कोटा में 2,033 और पटना में 1,561 दर्शाता है. वहीं पिछले साल शीर्ष 60,000 रैंक में पटना के 1,993 उम्मीदवार थे. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि वह सोमवार तक मामले का अंत देखना चाहता है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की थी.
हालांकि आईआईटी मद्रास ने अपने विश्लेषण में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों में समग्र वृद्धि, विशेष रूप से 550 से 720 की सीमा में स्वीकार किया था. उदाहरण के लिए इस साल 700-720 अंकों की सीमा में 2,321 उम्मीदवारों ने अंक प्राप्त किए, जबकि 2023 में 350 और 2022 में 99 थे. इस साल 650-699 अंकों की सीमा में, 27,885 उम्मीदवार थे, जबकि पिछले साल 6,939 और 4,583 थे. आईआईटी मद्रास ने इस बढ़ोतरी के लिए सिलेबस में कटौती को जिम्मेदार ठहराया. रिपोर्ट में कोटा और सीकर के प्रदर्शन के लिए इन स्थानों पर कई कोचिंग कक्षाएं होने को भी जिम्मेदार ठहराया गया है.
विवादों में यह परीक्षा केंद्र
राजस्थान के सीकर में 24 परीक्षा केंद्रों के अलावा, चार परीक्षा केंद्र, हरियाणा के रेवाडी (दिल्ली पब्लिक स्कूल, रेवाडी), हिसार (डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल), भवानी (दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल) और महेंद्रगढ़ (राव प्रह्लाद सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल) में एक-एक परीक्षा केंद्र हैं जहां 600 और उससे अधिक अंक वाले उम्मीदवारों के राष्ट्रीय औसत से पांच गुना से अधिक था. पटना, गोधरा, लातूर और हज़ारीबाग, जहां नीट-यूजी पेपर के कथित लीक के लिए परीक्षा सीबीआई की जांच के अधीन हैं, शीर्ष स्कोरिंग उम्मीदवारों का कोई उल्लेखनीय उच्च अनुपात नहीं दिखता है.
उदाहरण के लिए इस साल पटना के सभी 70 नीट-यूजी परीक्षा केंद्रों में 600 और उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत 2% से 6% के बीच है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 3.5% है. लातूर के 54 परीक्षा केंद्रों में से 16 में उच्च उपलब्धि वाले उम्मीदवारों का अनुपात 6% से 8% के बीच है. वहीं झारखंड के हजीरीबाग में सभी पांच परीक्षा केंद्रों में कुल उम्मीदवारों में से 3% से 6% ने 600 अंक या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं. हजारीबाग में ओएसिस पब्लिक स्कूल जिसका नामित परीक्षा पेपर कथित तौर पर लीक हो गया था उसके 701 उम्मीदवारों में से 23 (3%) ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए.
22 जुलाई को SC में होगी सुनवाई
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को शनिवार दोपहर 12 बजे तक अपनी वेबसाइट पर सभी 23 लाख उम्मीदवारों के शहर-वार और केंद्र-वार नीट-यूजी 2024 परिणाम जारी करने के लिए कहा था. केंद्र की ओर से पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि नतीजे प्रकाशित किए जा सकते हैं, लेकिन केंद्र-वार ऐसा करना समस्याओं से भरा है. लेकिन कोर्ट अपने आदेश पर कायम रही. इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार 22 जुलाई को होगी.
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