कच्छ में पकड़ी गई 110 करोड़ की ड्रग्स, इसी को खाकर आतंकी बनते हैं ‘फाइटर’
गुजरात के कच्छ-मुंद्रा सीमा पर कस्टम विभाग ने छापा मार कार्रवाई के दौरान 110 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की हैं. कस्टम विभाग ने दो दिनों की कार्रवाई के बाद सभी अवैध दवाओं को जब्त किया है. अधिकारियों के मुताबिक ट्रामाडोल नाम की दवा की 68 लाख गोलियां जब्त की गई हैं जो कि नशे के काम आती हैं. अधिकारियों को जांच में घोषित दवाओं के अलावा रॉयल 225 नाम की दवा मिली है जो कि ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट 225 मिलीग्राम है.
कच्छ के बंदरगाह पर कस्टम विभाग ने ट्रामाडोल टैबलेट को जब्त किया है. ड्रग्स की दो खेपें अलग-अलग जगहों पर मिली हैं. अधिकारियों ने पहले शनिवार को छापा मारा था और एक कंटेनर से प्रतिबंधित गोलियों को बरामद किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक यह कंटेनर अफ्रीकी देश नाइजीरिया के लिए जा रहा था. इन ड्रग्स को राजकोट के एक कारोबारी ने भेजा था. जांच के बाद गोदाम पर छापा मारा गया जहां पर एक और बड़ी खेप इन प्रतिबंधित दवाओं की मिली है.
दूसरे शहरों में की जा रही तलाशी
कस्टम विभाग इतनी बड़ी खेप मिलने के बाद से एक्टिव हो गया है. पुलिस जोर-शोर से राजकोट, गांधीनगर और गांधीधाम में संदिग्ध जगहों पर तलाशी में जुटी है. दो दिनों की कार्रवाई में पुलिस को एक दिन 26 लाख गोलियां और दूसरे दिन 42 लाख गोलियां बरामद की गई हैं. कुल मिलाकर 68 लाख गोलियों की खेप बरामद की गई है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कुल कीमत 110 करोड़ रुपये है.
पुलिस पूछताछ में जुटी
प्रतिबंधित दवाओं की इतनी बड़ी खेप मिलने के बाद इस मामले में अधिकारी लगातार जांच में जुटे हैं और दवाएं कहां से आई और किसने बनाई सारे पहलुओं को जांचा जा रहा है. ट्रामाडोल एक ओपिओइड दर्द की दवा है जिसका निर्यात प्रतिबंधित है. इस दवा की अफ्रीकी देशों में भारी मांग है क्योंकि आतंकवादी ज्यादा समय तक जागते रहने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल करते हैं.
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