वक्फ एक्ट में संशोधन से क्यों घबरा रहे हैं इस्लामिक संगठन, विरोध के पीछे क्या हैं तर्क?
वक्फ बोर्ड को लेकर हर तरफ चर्चा है. संसद का मानसून सत्र चल रहा है, जो 12 अगस्त तक चलेगा. उम्मीद है मोदी सरकार संसद में वक्फ एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल ला सकती है. वक्फ एक्ट में 40 संशोधन किए जाएंगे.
वक्फ एक्ट में सरकार संशोधन की तैयारी में है, यह बात उठते ही पूरे देश में हलचल मच गई है. जहां एक तरफ कुछ लोग इसके समर्थन में हैं और उनका कहना है कि इन संशोधन से वक्फ बोर्ड की मनमानी में कमी आएगी, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम संगठन इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं.
वक्फ बोर्ड क्या होता है?
यह जानने से पहले कि वक्फ बोर्ड में क्या संशोधन किए जाएंगे, यह जानना जरूरी है कि वक्फ बोर्ड क्या होता है. इस्लाम धर्म में चंदा देने को काफी महत्व दिया जाता है, इसी के चलते मुसलमान अपनी प्रॉपर्टी, संपत्ति या कोई भी चीज दान करना चाहते हैं तो उसकी देखरेख की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड की होती है और वो संपत्ति वक्फ बोर्ड के हिस्से आ जाती है.
इस संपत्ति को वक्फ बोर्ड स्कूल, गरीबों की मदद, अस्पताल बनाने में लगाता है, साथ ही कब्रिस्तान, दरगाह और मस्जिद इन जमीनों पर बनाए जाते हैं. अभी वक्फ बोर्डों के पास करीब 9.4 लाख एकड़ की कुल 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां हैं और देश में फिलहाल 30 वक्फ बोर्ड हैं.
संशोधन के बाद क्या होगा
वक्फ एक्ट 1995 के मुताबकि, वक्फ बोर्ड को जो भी मुसलमान संपत्ति, जमीन दान करता है वो सीधे-सीधे उनकी हो जाती है, लेकिन एक्ट में संशोधन होने के बाद पहले जमीन की वेरिफिकेशन की जाएगी, साथ ही महिलाओं को भी इसमें जोड़ा जाएगा. बिल में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव भी शामिल है.
साथ ही आरोप लगते रहे हैं कि वक्फ बोर्ड जमीनों का दुरुपयोग करते हैं, इसी के चलते इसमें अब दुरुपयोग को रोकने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को भी शामिल किया जाएगा. संशोधनों के बाद किसी भी जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना अनिवार्य होगा. सरकार का दावा है कि इससे बोर्ड की जवाबदेही बढ़ेगी और मनमानी पर रोक लगेगी.
मुस्लिम संगठन संशोधन के खिलाफ
मुस्लिम संगठन इसके खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं और इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास ने कहा, वक्फ बोर्ड की ताकत को किसी भी तरह सीमित करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बोर्ड के प्रवक्ता इलियास ने कहा, मुसलमान वक्फ एक्ट में ऐसे किसी संशोधन को कभी मंजूर नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा वक्फ बोर्ड की कानूनी स्थिति और बोर्ड की ताकत में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे. साथ ही इलियास ने विपक्षी पार्टी से कहा कि वो ऐसे किसी भी कदम का पूरी तरह से विरोध करें.
वक्फ बोर्ड में संशोधन की जरूरत नहीं
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद ने कहा, जहां तक वक्फ बोर्ड की बात है यह जरूरी है कि वक्फ बोर्ड की जमीनों का इस्तेमाल सिर्फ लोगों की मदद करने के लिए होना चाहिए जोकि आज तक होता आया है. उन्होंने आगे कहा, साथ ही यह कानून है कि अगर एक बार बोर्ड को जमीन दान कर दी तो वो वापस नहीं ली जा सकती है.
खालिद रशीद ने कहा, वक्फ बोर्ड 1995 एक्ट के अनुसार काम करता है और जब इसमें संशोधन करने की जरूरत नजर आई तो इसमें साल 2013 में संशोधन किया गया था, लेकिन फिलहाल एक्ट में किसी भी तरह के संशोधन की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा, वक्फ बोर्ड की 60 से 70 प्रतिशत प्रॉपर्टी मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान बनाने में इस्तेमाल की गई है.
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