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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के केंद्रीय बोर्ड ने डिजिटल मुद्रा के पहलुओं पर चर्चा, जल्द शुरू हो सकता है पायलट प्रोजेक्ट

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड ने शुक्रवार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की स्थिति सहित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। आरबीआई के अधिकारियों ने बोर्ड को सूचित किया कि सीबीडीसी की शुरुआत के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू किया जाएगा। आरबीआई निजी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ रहा है, केंद्रीय बैंक का मानना है कि, क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के दृष्टिकोण से एक गंभीर चिंता का विषय हैं।

इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर चुके हैं। पिछले दिनों क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर एक बयान देते हुए केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर ने यह कहा था कि, “अगर देश में क्रिप्टोकरेंसी की अनुमति दी जाती है तो केंद्रीय बैंक मुद्रा आपूर्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन पर नियंत्रण खो सकता है। भारत के मामले में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) जारी करना ठोस कदम नहीं हो सकता, क्योंकि पूंजी नियंत्रित है। क्रिप्टो एल्गोरिदम द्वारा समर्थित है और डर है कि केंद्रीय बैंक पैसे की आपूर्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन पर नियंत्रण खो सकता है। ऐसी भी चिंताएं हैं कि क्रिप्टो मौद्रिक नीति को बाधित करेगा। क्रिप्टो पूंजी नियंत्रण से जंप कर सकता है, क्योंकि फिएट मुद्रा आरक्षित मुद्रा से जुड़ी हुई है।” साल 2008 से 2013 तक आरबीआई के गवर्नर रहे राव के मुताबिक, “सीबीडीसी को भी मजबूत डेटा संरक्षण कानूनों की जरूरत है। भारत में नकदी की निकासी हो रही है और डिजिटल भुगतान लोकप्रिय हो रहे हैं। महामारी के कारण, मुद्रा प्रचलन में वृद्धि हुई है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण लोगों के पास नकदी थी। अंतिम उपाय बैंक के रूप में आरबीआइ की भूमिका में बाधा नहीं आनी चाहिए।”

आपको बताते चलें कि सरकार पहले ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख साफ कर चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर पिछले महीने एय बयान देते हुए यह कहा था कि, क्रिप्टोकरेंसी को भारत में प्रोत्साहित करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद क्रिप्टोकरेंसी नियामक व डिजिटल करेंसी बिल 2021 पेश किया जाएगा। संसद के चालू सत्र में पेश होने के लिए क्रिप्टोकरेंसी बिल को सूचीबद्ध किया गया है जिसके तहत निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। ऐसी उम्मीद है कि, चुनिंदा क्रिप्टोकरेंसी को संपदा के रूप में इजाजत दी जा सकती है।

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