ब्रेकिंग
केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू की बढ़ी मुश्किल, राहुल गांधी के खिलाफ बयान देने पर बेंगलुरु में FIR दर्... PM मोदी का महाराष्ट्र दौरा कल, विश्वकर्मा कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा, महिलाओं और युवाओं को देंगे बड़... राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किए बाबा महाकाल के दर्शन, मंदिर परिसर में लगाई झाड़ू राहुल गांधी को धमकी देने पर बिफरी कांग्रेस, महाराष्ट्र में किया प्रदर्शन, कहा-डर गई है BJP पहले महिला की पिटाई की, फिर चूहे मारने वाली दवा पिलाई… दहेज के लिए ससुराल वाले बने हैवान मामला जेपीसी में है तो गृह मंत्री वक्फ संशोधन बिल पर बाहर बयान क्यों दे रहे हैं? बैठक में ओवैसी और स... राजनीतिक दल ने नहीं पूरा किया चुनावी वादा तो क्या ECI लेगा एक्शन? BJP-कांग्रेस ने जारी किए घोषणा पत्... महाराष्ट्र के नंदुरबार में बड़ा बवाल, 2 गुटों में पथराव; पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले कोलकाता रेप केस: RG Kar के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर एक्शन, रद्द किया गया रजिस्ट्रेशन कुछ वोटों के लिए कांग्रेस आस्था और संस्कृति को दांव पर लगा सकती है… कटरा में बोले पीएम मोदी

असम में 28 लोगों को डिटेंशन कैंप भेजे जाने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, बोले- बहुत गलत है ये तरीका

असम में 28 लोगों को डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने का मामला तूल पकड़ रहा है. कई मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर चुके हैं. इसी कड़ी में लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने असम बॉर्डर पुलिस के एक्शन और राज्य के सिस्टम पर सवाल उठाया है. ओवैसी ने कहा कि ये जो हरकत हुई है, इसकी पूरी जिम्मेदारी असम बॉर्डर पुलिस की है.

एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि असम बॉर्डर पुलिस बहुत पक्षपात करती है. लोगों को पकड़कर बताती है कि ये विदेशी हैं. असम का ये तरीका बहुत गलत है. एक ही परिवार में अगर छह लोग हैं तो उसमें एक विदेश नागरिक कैसे हो सकता है.

बॉर्डर पुलिस किसी को भी उठा लेती

उन्होंने कहा कि वहां बॉर्डर पुलिस किसी को भी उठा लेती है. ये पूरी प्रक्रिया गलत है. पकड़े गए लोगों को डिटेंशन सेंटर में रख रहे हैं. अगर पुलिस के मुताबिक ये लोग बांग्लादेशी हैं तो इन्हें वहां भेजिए ना. सच तो ये है कि बांग्लादेश इन लोगों को लेगा नहीं.

ये गाय रक्षक नहीं, राक्षस हैं

असदुद्दीन ओवैसी ने हरियाणा के फरीदाबाद में आर्यन मिश्रा की हत्या मामले में भी रिएक्शन दिया. उन्होंने कहा कि ये गाय रक्षक नहीं, राक्षस हैं. हरियाणा पुलिस ने इनको छूट दे रखी है. इन लोगों के रोकने पर वो बच्चा (आर्यन) नहीं रुका तो उसे गोली मार दी गई. अब कह रहे हैं कि गलती से ब्राह्मण को गोली मार दी.

क्या है असम का पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि बरपेटा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के 28 लोगों को थाने बुलाया गया था. इसके बाद सभी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय ले जाया गया. वहां से ग्वालपाड़ा स्थिति डिटेंशन कैंप भेज दिया गया. इन लोगों के पास भारतीय होने के कागजात नहीं थे. इनको असम पुलिस ने नोटिस भी दिए थे. साथ ही मामला विदेशी न्यायाधिकरण को भेजा गया था.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.