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यहां भगवान गणेश से उधार पैसे मांगने आते हैं श्रद्धालु, उदयपुर के इस गणपति मंदिर की कहानी

देशभर में चारों तरफ गणेश महोत्सव की धूम है, जगह-जगह गणेश मंदिरों में भक्त दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं. उदयपुर के प्रसिद्ध बोहरा गणेश जी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इस मंदिर को 300 वर्ष से अधिक समय पहले स्थापित किया गया था. वहीं मंदिर के इतिहास को सुनकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. पुजारी और मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि पहले के समय में जब घर में किसी तरह का शुभ कार्य होता था और पैसों की कमी होती थी तो लोग बोहरा गणेश जी के पास आकर उधार मांगते थे. जिस पर भगवान गणेश उन्हें उधार देते थे और काम होने पर भक्त पैसे वापस लौटा देते थे. वहीं बोरा गणेश जी से बोहरा गणेश जी नाम हो गया.

उदयपुर शहर के बीचों-बीच बना गणेश जी का मंदिर अपने चमत्कारों के लिए पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है. इस मंदिर में विराजित गणेश भगवान को पैसे देने वाले भगवान के रूप में माना जाता है. कहा जाता है कि बोहरा गणेश जी मंदिर में यदि कोई शीश झुकाकर कोई कार्य करता है तो वह जरूर सिद्ध होता है. भक्तों को कभी आर्थिक परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता है.

भगवान से उधार पैसे मांगने आते हैं लोग

महाराणा मोकल सिंह के समय बना यह मंदिर 300 वर्षों से भी अधिक समय पुराना है. यहां के पुजारी बताते हैं कि सदियों पहले यहां पर विराजित गणेश भगवान लोगों को उधार पैसे देने का काम करते थे. जरूरतमंद लोग अपने घरों पर शुभ कार्य होने पर भगवान से पैसे मांगने पहुंचे थे तो भगवान गणेश उन्हें निश्चित समय अवधि के लिए जरूरत के अनुसार पैसे उधार दिया करते थे. वहीं जब बाद में काम हो जाता तो समय अवधि खत्म होने के साथ पुनः पैसों को लौटा दिया जाता था.

माथा टेककर करते हैं शुभ कार्य की शुरुआत

लोगों ने बताया कि पुराने जमाने में पैसे उधार देने वालों को बोरा कहा जाता था इसलिए इस मंदिर को भी बोरा गणेश जी के नाम से जाना जाता था लेकिन धीरे-धीरे बोहरा गणेश जी नाम हो गया. हालांकि अब तो उधार पैसे देने का क्रम बंद हो गया लेकिन शुभ कार्यों के लिए आज भी भगवान गणेश के सामने माथा टेककर दर्शन करते हैं फिर उस कार्य की शुरुआत करते हैं.

गणेश महोत्सव पर भगवान बोहरा गणेश जी का विशेष श्रृंगार किया गया है. इस दिन भगवान को स्वर्ण आंगी धराई जाती है और लड्डू का भोग विशेष कराया जाता है. भगवान बोहरा गणेश जी मंदिर में सुबह 4 बजे से ही दर्शन के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारे लगनी शुरू हो जाती है.

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