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गेहूं-सोयाबीन के बदले रूस को मिसाइल देने पर मजबूर हुआ ईरान? सांसद ने ही कर दिया खुलासा

रूस यूक्रेन युद्ध में लंबे समय से ईरान के ऊपर रूस को मिसाइल और ड्रोन देने का इल्जाम लगता आ रहा है. ईरान के एक सांसद ने इस पर बयान देकर आरोप पर मुहर लगा दी है. ईरान संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति समिति के सदस्य अहमद बख्शायेश अर्देस्तानी ने रूस को तेहरान की ओर से दिए जाने वाले बैलिस्टिक मिसाइलों की मीडिया रिपोर्टों की पुष्टि की है. साथ इस डिलीवरी को लेकर दे जा रही पश्चिमी देशों की धमकियों को भी कम करके आंका है.

अमेरिका के अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ईरान रूस को ड्रोन और मिसाइल दे रहा है. ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. अब ईरान के सांसद ने इस दावे की पुष्टि कर, ईरान के ऊपर पश्चिमी विरोध को और बढ़ावा दे दिया है.

गेहूं-सोयाबीन के बदले मिसाइल

सांसद ने ईरानी मीडिया आउटलेट ‘दिदवाना ईरान’ को दिए गए इंटरव्यू में कहा, “हमें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘बार्टर’ (समान के बदले समान) करना पढ़ता है. सोयाबीन-गेहूं जैसी जरूरत की चीजें भी हमें बार्टर के जरिए खरीदनी होती हैं. रूस को मिसाइल निर्यात भी हमारे बार्टर सिस्टम का ही पार्टी है.”

दरअसल अमेरिका और पश्चिमी देशों ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं, जिसकी वजह से वे डॉलर से व्यापार नहीं कर सकता है. ईरान समान के बदले समान लेकर अपने देश की जरूरतों को पूरा करता है.

जब अर्देस्तानी से पूछा गया कि रूस को मिसाइल सप्लाई करना ईरान को और गहरे प्रतिबंधों की तरफ धकेल सकता है. इसपर उन्होंने जवाब दिया, “इससे भी बदतर और क्या हो सकता है? हम हिजबुल्लाह, हमास और हशद अल-शाबी को मिसाइल देते हैं, तो रूस को क्यों नहीं?.”

यूक्रेन को पश्चिमी मदद के बदले हमारी रूस को मदद

अर्देस्तानी ने कहा, “हम हथियार बेचते हैं और डॉलर लेते हैं. हम रूस के साथ अपनी साझेदारी के जरिए से प्रतिबंधों को दरकिनार करते हैं. हम रूस से सोयाबीन, मक्का और अन्य सामान इंपोर्ट करते हैं. यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियार बेचते हैं, नोटों यूक्रेन में घुस गया है, तो हम क्यों अपने सहयोगी रूस को मिसाइल और ड्रोन देकर उसकी मदद नहीं कर सकते?”

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