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पार्सल डिलीवरी न करने की लापरवाही पड़ी महंगी, आठ वर्ष कानूनी लड़ाई; 37 हजार 786 के बदले देने होंगे 70 हजार

जबलपुर। जिला उपभोक्ता आयोग, जबलपुर के अध्यक्ष नवीन कुमार सक्सेना व सदस्य मनोज कुमार मिश्रा की युगलपीठ ने राहत दी है। मूल राशि 37 हजार 786 रुपये में वर्ष 2016 से 2024 तक की अवधि का सात प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज जोड़कर लगभग 70 हजार रुपये भुगतान करने होंगे। मानसिक प्रताड़ना के एवज में पांच हजार व मुकदमे का खर्च दो हजार अलग से देना होगा। इस प्रकार परिवादी की आठ वर्ष लंबी कानूनी लड़ाई अंतत: रंग लाई। डाक विभाग ने पार्सल की डिलीवरी न करने की लापरवाही को सेवा में कमी के दायरे में रखते हुए क्षतिपूर्ति का आदेश पारित कर दिया।

स्वरोजगार के लिए साड़ी आदि वस्तुएं विभिन्न स्थानों पर भेजता है

परिवादी प्रेम नगर, गुप्तेश्वर वार्ड निवासी हर्षराज की ओर से अधिवक्ता अरुण जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि परिवादी स्वरोजगार के जरिए अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। इसके अंतर्गत साड़ी आदि वस्तुएं विभिन्न स्थानों पर भेजता है। उसने 31 मई, 2016 को जबलपुर से डाक के माध्यम से एक पार्सल किया था, जिसमें 37 हजार 425 रुपये कीमत का 15 नग काटन डिजाइनर मटेरियल था।

नियमानुसार पार्सल गंतव्य तक पहुंचाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ

पार्सल प्रक्रिया में 361 रुपये डाक शुल्क भुगतान किया था। इस तरह उसके 37 हजार 786 रुपये निवेश हो गए। नियमानुसार पार्सल गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लिहाजा, दूसरे शिकायत की गई। जब संतोषजनक समाधान नहीं हुआ तो विधिक सूचना पत्र उपरांत परिवाद दायर कर दिया गया।

दस्तावेजों के आधार पर सेवा में कमी के आरोप को सही पाया

पूर्व में परिवाद इस टिप्पणी के साथ निरस्त कर दिया था कि वाणज्यिक उद्देश्य से जुड़े प्रकरण में क्षतिपूर्ति का आदेश पारित नहीं कर सकते। लिहाजा, मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की गई। जहां सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता आयोग का पूर्व आदेश निरस्त करते हुए नए सिरे से सुनवाई की व्यवस्था दे दी गई। लिहाजा, परिवाद पर जिला उपभोक्ता आयोग ने नए सिरे से सुनवाई प्रारंभ की। परिवादी द्वारा संलग्न दस्तावेजों के आधार पर सेवा में कमी के आरोप को सही पाते हुए क्षतिपूर्ति का आदेश सुना दिया।

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