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युवक ने सिलेंडर से गैस निकाली, कमरा को बंद किया और लगा ली आग; हुई मौत

मध्य प्रदेश के उज्जैन में पवासा में एक युवक ने अपनी जान देने के एक खतरनाक योजना बनाई. युवक ने पहले गैस सिलेंडर की नली निकाली और उसके बाद जब पूरे कमरे में गैस भर गई तो आग लगा ली. यह आग इतनी खतरनाक थी कि इससे घर में रखा सामान और युवक दोनों जलकर राख हो गए. यहां पिंगलेश्वर के पास बाबा जय गुरुदेव के आश्रम में कई सालों से अपनी मां सीताबाई के साथ दीपक शेखावत नामक युवक रह रहा था. आश्रम में रहने के दौरान दोनों मां बेटे को ऐसी कोई तकलीफ नहीं थी.

फिर भी दीपक ने अपनी जान देने के लिए घर का दरवाजा बंद किया और गैस सिलेंडर की नोक खोल दी. जब पूरे कमरे में गैस भर गई तो फिर दीपक ने ही आग भी जला दी. इस घटना में दीपक गंभीर रूप से झुलस गया था. इसके कारण घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

अचानक आग लगी तो हैरान रह गए लोग

थाना प्रभारी रविंद्र कटारे ने बताया कि दीपक शेखावत ने घर का कमरा बंद कर जिस तरीके से आग लगाई गई है. इस मामले में जांच की जा रही है कि अभी घर से ऐसा कोई सुसाइड नोट या दूसरा सामान नहीं मिला है. जिससे कि यह बताया जा सके की आखिर दीपक ने यह कदम क्यों उठाया था? जल्द ही पुलिस इस मामले में मृतक के दोस्तों और उसकी मां सीताबाई के भी बयान लेगी. जिससे पता चल पाए कि आत्मघाती कदम उठाने के पीछे मुख्य कारण क्या था?

खाना लेने गई थी सीताबाई और कमरा हो गया जलकर राख

घटना के समय मृतक की मां सीताबाई खाना लेने के लिए गई हुई थीं. उसी समय दीपक ने मौका मिलते ही यह कदम उठा लिया. पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के मामले में यह नए तरीके से दीपक ने जान दी है. अब तक लोग फांसी लगाकर या खुद को नुकसान पहुंचाकर जान देते थे. इस घटना में दीपक की मौत के साथ ही घर में रखा सामान भी पूरी तरह जल गया है. पुलिस का तो यह भी कहना है कि यह घटनाक्रम और भी भयावह हो सकता था, क्योंकि अगर गैस की टंकी आग पकड़ती तो यह फट भी सकती थी और इसके फटने से अन्य लोगों को भी बड़ा नुकसान पहुंचता.

आत्मघाती घटनाओं से जुड़ा रहा है आश्रम का नाम

जय गुरुदेव आश्रम में रहने वाले युवक का आत्मघाती कदम उठाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी कई बार कुछ लोगों ने इस तरह के कदम उठाए हैं. पुलिस अभी तो इस मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है, लेकिन इस बिंदु पर भी पुलिस जांच जरूर करेगी कि वह क्या कारण थे, जिसके कारण दीपक को जीने की बजाय मरना ज्यादा सरल लगा. उसने आत्महत्या करने के लिए भी इतना दर्दनाक रास्ता चुना.

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