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नेहरू के खत लौटाए जाएं… इतिहासकार रिजवान कादरी ने सोनिया गांधी से क्यों की ये मांग?

PMML सोसायटी के सदस्य और इतिहासकार रिजवान कादरी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर म्यूजियम को जवाहर लाल नेहरू के खत सौंपने की मांग की है. कादरी ने अपने पत्र में लिखा है कि इससे इतिहास को जानने में आसानी होगी. वह खत को डिजिटलाइज या कॉपी करने के बाद वापस लौटा देंगे. उन्होंने पत्र में लिखा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने योगदान के कई अहम रिकॉर्ड छोड़े हैं, जो सौभाग्य से संरक्षित हैं.’नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय’ राष्ट्र के लिए उनके अपार योगदान निर्माण के लिए गहन वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत होती है, जिसके लिए संपूर्ण अभिलेखों तक पहुंच जरूरी है.

उन्होंने आगे लिखा हाल ही में पता करने पर मुझे बताया गया कि इनमें से ज्यादातर रिकॉर्ड प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय में रखे गए हैं. मुझे यह भी बताया गया कि कुछ रिकॉर्ड आपके (सोनिया गांधी) कार्यालय ने ले लिए थे. क्योंकि आप परिवार के प्रतिनिधि और दाता थीं. मुझे विश्वास है कि इन अमूल्य दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए यह सद्भावनापूर्वक किया गया था. हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि ये रिकॉर्ड सुलभ रहें.

यह हैं तरीके

अपनी बात को जारी रखते हुए आगे लिखा, ‘आप इस बात से सहमत होंगे कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जी किसी भी राजनीतिक प्रभाव से मुक्त होकर अपने योगदान पर निष्पक्ष शोध के पात्र हैं. इसलिए, इनमें से किसी एक में इन रिकॉर्ड्स तक पहुंचने के लिए आपसे अनुमति चाहिए. रिजवान कादरी ने आगे कुछ तरीकों को लिखा और विस्तार से बताया.

दस्तावेजों को स्कैन करना

1) मैं इन दस्तावेज़ों को स्कैन करने का प्रस्ताव रखता हूं. मेरे दो योग्य सहयोगियों की सहायता से. इससे यह सुनिश्चित होगा कि दस्तावेजों को बहुत सावधानी और दक्षता से संभाला जाएगा.

2)कॉपी प्रदान करना, स्कैन किए गए दस्तावेजों की कॉपी प्रदान करें. PM म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी, यह सुनिश्चित करती है कि वह संरक्षित हैं और भविष्य के शोध के लिए सुलभ हैं.

दस्तावेज लौटाना

वैकल्पिक रूप से, स्कैन करने के बाद, PMMLS दस्तावेज़ वापस कर सकता है. उन्हें व्यापक जनता और विद्वानों की पहुंच के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. मैं उन्हें डिजिटाइज करने और उनके कालक्रम को सुनिश्चित करने की लागत वहन करने को तैयार हूं. प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी के सदस्य और एक अराजनीतिक इतिहासकार के रूप में, मैं इन व्यक्तित्वों का अध्ययन करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हूं. मेरा एकमात्र उद्देश्य महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरूजी और सरदार पटेल का सच्चे वैज्ञानिक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में अध्ययन करना है इस प्रयास में आपका सहयोग अमूल्य होगा.

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