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रतलाम में सांड के हमले में एक की मौत, आक्रोशित लोगों ने सड़क पर शव रखकर किया चक्काजाम

रतलाम। माणकचौक थाना क्षेत्र के तेजानगर में सांड के हमले से घायल युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे लोगों में रोष फैल गया। आक्रोशित लोगों ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया तथा हरमाला रोड पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया।

लोगों ने मृतक के स्वजन को मुआवजा देने और सड़कों पर छोड़ने वाले मवेशी मालिकों पर कार्रवाई करने तथा सड़कों पर मवेशियों के घूमने पर रोक लगाने की मांग की। काफी देर तक नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन चलता रहा। करीब दो घंटे बाद महापौर प्रहलाद पटेल के आश्वासन पर चक्काजाम समाप्त किया गया।

उल्लेखनीय है कि 23 सितंबर की सुबह करीब नौ बजे 65 वर्षीय मोहनबाई पत्नी ज्ञानसिंह गुगलिया निवासी तेजानगर अपने घर के बाहर बैठी थी तथा उनका पुत्र 40 वर्षीय राजेश गुगलिया घर से बाहर निकलकर दर्शन करने के लिए मंदिर जा रहा था।

तभी दो सांडों ने लड़ते हुए मोहनबाई, राजेश व क्षेत्र में आए अमृतलाल पाटीदार निवासी तितरी को चपेट में लेकर राजेश पर हमला कर उसे नीचे गिरा दिया था। नीचे गिरने के बाद एक सांड राजेश के ऊपर पैर रखते हुए भाग गया था। घटना में राजेश, मोहनबाई व अमृतलाल घायल हो गए थे।

मेडिकल कॉलेज में चल रहा था इलाज

गंभीर चोट आने से राजेश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, जहां मंगलवार व बुधवार की दरमियानी रात राजेश ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने बुधवार सुबह पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को सौंप दिया।

उधर, राजेश की मौत की खबर से लोगों में रोष फैल गया। बड़ी संख्या में लोग हरमाला रोड पर एकत्र हुए तथा चक्काजाम कर दिया। कुछ देर बाद राजेश का शव भी वहां लाकर रख दिया गया और आक्रोशित लोग नारेबाजी करते रहे।

अधिकारी व महापौर पहुंचे

सूचना मिलने पर पुलिस व नगर निगम के अधिकारी तथा लोगों को समझाइश देने लगे।लोगों ने कहा कि राजेश अविवाहित होकर अपने बुजुर्ग माता-पिता का इकलौता सहारा था।उसके स्वजन को मुआवजा दिया जाए।

कुछ देर बाद महापौर प्रहलाद पटेल भी मौके पर पहुंचे तथा प्रदर्शन कर रहे लोगों को आश्वासन दिया कि नगर निगम की तरफ से नियमानुसार मृतक के स्वजन को मुआवजा दिया जाएगा। मवेशी मालिकों को नोटिस दिए जाएंगे कि वे अपने मवेशी खुले में न छोड़े। खुले में मवेशी छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा उनके तबेले भी तोड़े जाएंगे। इसके बाद दोपहर करीब 12.30 बजे चक्काजाम समाप्त किया गया।

चार माह पहले महिला की हुई थी मौत

शहर में मवेशियों का सड़कों घूमना आम बात है। अनेक सड़कों पर मवेशी झुंड बनाकर घूमते व बैठे रहते हैं। इससे यातायात भी बाधित होता है तथा दुर्घटनाएं भी होती है। वहीं मवेशी लड़ते हुए लोगों पर हमले भी कर देते है।

चार माह पहले 24 मई की शाम टाटानगर गली नंबर चार में सांड के हमले से 60 वर्षीय शांताबाई पत्नी मदनलाल चौहान की मौत हो गई थी। शांताबाई घर के सामने बैठकर बाटी सेक रही थी। तभी दो सांड लडते हुए आए। एक सांड ने शांताबाई को नाले में गिरा दिया था, इससे वे गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

उन्हें एक निजी अस्पताल में दिेखाया गया था तथा स्वजन इलाज के लिए दूसरे दिन बड़ोदरा ले जाने वाले थे, लेकिन उनकी बड़दोरा ले जाने के पहले ही मौत हो गई थी। तब भी नगर निगम प्रशासन ने दो-चार दिन मवेशी मालिकों के खिलाफ अभियान चलाकर बंद कर दिया था। यदि लगातार कार्रवाई कर पूरी तरह मवेशियों के सड़कों पर घूमने पर प्रतिबंध लगाकर मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जाती तो दूसरी घटना नहीं होती।

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