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BJP के 4 दर्द की तलाशी दवा… महाराष्ट्र में अमित शाह ने खोज निकाला जीत का फॉर्मूला!

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका महाराष्ट्र में ही लगा था, जिसके चलते विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए चुनौती बढ़ गई है. यही वजह है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. महाराष्ट्र की सियासत में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए बीजेपी को लोकसभा में मिले दर्द की दवा तलाशनी है. ऐसे में अमित शाह ने विदर्भ से लेकर मराठवाड़ा इलाके की सियासी समीकरण साधने के साथ-साथ मराठा आंदोलन की सिया काट और एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तलाशा है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की कमान अमित शाह ने खुद अपने हाथों में संभाल ली है. पिछले दिनों गणेशोत्सव के दौरान अमित शाह मुंबई पहुंचे थे. मुंबई को कोंकण क्षेत्र का केंद्र माना जाता है, यहां शाह ने मुंबई-ठाणे क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी. मंगलवार को अमित शाह महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे. इस दौरान वो महाराष्ट्र के नागपुर, छत्रपति संभाजी नगर, कोल्हापुर और नासिक क्षेत्रों के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर जीत का मंत्र देंगे?

पहले दिन नागपुर का दौरा

अमित शाह पहले दिन मंगलवार को नागपुर में बैठक कर विदर्भ और छत्रपति संभाजी महाराज नगर में बैठक कर मराठवाड़ा इलाके को साधने की कवायद करते नजर आ रहे हैं. वहीं, शाह बुधवार को कोल्हापुर और नासिक के पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं के साथ बैठक करेंगे. कोल्हापुर के जरिए पश्चिम महाराष्ट्र और नासिक के जरिए उत्तर महाराष्ट्र के सियासी समीकरण साधने की स्ट्रैटेजी मानी जा रही है. इतना ही नहीं अमित शाह ने क्षेत्र वाइज सीटें जीतने का टारगेट भी दे रहे हैं.

शाह ने तलाशा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला

महाराष्ट्र में बीजेपी इस बार के चुनाव में एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. इस तरह से सीट शेयरिंग को लेकर काफी दिनों से रस्साकशी चल रही थी. ऐसे में शाह ने मुंबई में बैठक के दौरान बीजेपी नेताओं से उनकी मर्जी समझने के बाद नागपुर की बैठक में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर दिया है. टीवी-9 मराठी को मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र की 288 सीटों में से बीजेपी 155 से 160 सीटें, शिंदे की शिवसेना 80 से 85 सीटें और अजित पवार की एनसीपी 55 से 60 सीटें पर चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में रहेगी और अजीत पवार सबसे छोटे भाई के रोल में रह सकते हैं.

विदर्भ के दुर्ग को दुरुस्त करने का दांव

बीजेपी महाराष्ट्र की सत्ता में वापसी करने में तभी कामयाब हुई थी, जब विदर्भ के इलाके में कांग्रेस की सियासी जमीन को पूरी तरह कब्जा लिया था. बीजेपी 2014 में विदर्भ की 62 सीटों में से 44 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और 2019 में सिर्फ 29 सीटें मिली थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में विदर्भ की 10 लोकसभा सीटों में से सिर्फ दो सीट पर ही सिमट गई है. पीएम मोदी के द्वारा विदर्भ को विकास की सौगात देने के बाद अमित शाह मंगलवार को नागपुर पहुंचे, जहां पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जीत का मंत्र दिया. उन्होंने विदर्भ में 62 सीटों में से 45 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है. इस तरह बीजेपी ने 2014 से भी ज्यादा सीटें विदर्भ के इलाके में जीतने का लक्ष्य रखा है, जिसे अमलीजामा पहनाने का जिम्मा कैलाश विजयवर्गीय को सौंपा गया है.

मराठवाड़ा को साधने की स्ट्रैटेजी बनाई

अमित शाह ने छत्रपति संभाजी महाराज नगर में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर मराठवाड़ा इलाके की सीटों को जीतने का टारगेट तय किया है. अमित शाह ने मराठवाड़ा की 48 में 30 विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य फिक्स किया है. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि मराठा आंदोलन की चिंता मत करो. उसे महाराष्ट्र सरकार और देवेंद्र फडणवीस देखेंगे. हमारे समय में तीन बार आंदोलन हुए, फिर भी हम जीते. चुनाव जीतने की आदत बनाएं.

जोश नहीं समझदारी से लड़ना होगा

अमित शाह ने कहा कि मैंने बाघ के मुंह से तीन चुनाव जीते हैं. महाराष्ट्र चुनाव जोश से नहीं, बल्कि समझदारी से लड़ना होगा. कार्यकर्ता ही चुनाव जिताने का काम करते हैं. इसके लिए आपको ध्यान देकर काम करना होगा. साथ ही रणनीति भी बनानी होगी. इसके बाद ही जीत है. हमें मराठवाड़ा में 30 सीटें जीने के लक्ष्य को लेकर और यह समझकर काम करना शुरू करना होगा कि आज से चुनाव शुरू हो गया है. इसके लिए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को मिशन में जुट जाने का ऐलान भी किया.

उत्तर व पश्चिम महाराष्ट्र को साधने का दांव

महाराष्ट्र में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लोकसभा चुनाव में पश्चिम महाराष्ट्र के इलाके में लगा है. अजित पवार के साथ आने का भी लाभ बीजेपी को नहीं मिल सका है. पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार ने बीजेपी और अजित पवार का सफाया कर दिया था. इसके लिए कोल्हापुर में पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर शरद पवार की काट तलाशेंगे. इसी तरह नासिक में बैठक कर उत्तर महाराष्ट्र के इलाके के सियासी समीकरण को साधने की कवायद करेंगे.

शाह का दौरा कार्यकर्ताओं में भरेगा एनर्जी

महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मराठवाडा, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र में चिंता की स्थिति है. शाह का दौरा कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने के लिए है, क्योंकि राज्य में भले ही महायुति की सरकार है, लेकिन लोकसभा के प्रदर्शन ने उनके मनोबल को कमजोर किया है. लोकसभा चुनाव के बाद राज्य की राजनीति परिस्थितियां बिल्कुल बदल गई है. अमित शाह अपने दौरे से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और चुनावी तैयारियों को जानने और उसके लिहाज से रणनीति बनाने की है.

राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का मुद्दा

अमित शाह ने नागपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं संबोधित करते हुए राहुल गांधी के द्वारा अमेरिका में आरक्षण के बयान को सियासी हथियार बनाने का मंत्र दिया है. शाह ने अपील की कि क्षेत्र की सभी सहकारी समितियों में जाकर किसानों से मिलें और उन्हें मोदी सरकार की किसान कल्याण से जुड़ीं सभी योजनाओं से अवगत करवाएं. अब बीजेपी राहुल गांधी के बयान को मुद्दा बनाने से नहीं चूकना चाहती है. राज्य में पहले से मराठा, धनगर और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा छाया हुआ है. इसके अलावा अमित शाह ने जिस तरह राष्ट्रवाद के मुद्दे को जिक्र किया है, उससे यह साफ है कि राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने की स्ट्रैटेजी है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं को वोट बढ़ाने का मंत्र दिया

अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया है. उन्होंने कहा कि एक बूथ पर 10 प्रतिशत वोट बढ़ाएं. नवरात्रि के पहले दिन मंडल पदाधिकारियों की बैठक लें और प्रत्येक मंडल को एक कार्यकर्ता शक्ति केंद्र दिया जाना है. इसके बाद बूथ अध्यक्ष द्वारा 10 प्रतिशत वोट बढ़ाने के लिए मंडल अध्यक्ष प्रमुख को फॉलो अप करें. इतना ही नहीं अमित शाह ने कहा कि दशहरा से दिवाली तक सभी बूथों पर दौरे करके उसका आकलन किया जाए. इसके अलावा भारत माता की रैली निकालनी है. इसके बाद जहां पुजारी हैं, वहां मंदिर की नींव रखनी चाहिए. अमित शाह ने यह भी कहा कि 101 रुपये श्रीफल चढ़ाकर चुनाव के लिए उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.

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