मप्र संस्कृति विभाग में करोड़ो का घोटाला, लोकायुक्त तक पहुंची शिकायत, बिना टेंडर चहेतों को कर दिए करोड़ो के भुगतान
भोपाल। सरकारी महत्वपूर्ण घोटाले के लिए देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाले मध्य प्रदेश में एक और घोटाला सामने आया है। इस बार मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिली भगत कर बिना टेंडर करोड़ों रुपए का पेमेंट कर दिया जाहिर है इसमें संस्कृति विभाग के आला अधिकारियों से लेकर कर्मचारी और ठेकेदारों ने मिलकर बड़ी बन्दरबाँट की है और सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है।दरअसल यह पूरा घोटाला संस्कृति विभाग में साल 2014 से 2019 के बीच हुआ है, भोपाल के आरटीआई एक्टिविस्ट अरविंद शाक्य ने सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी जुटाई है उसमें बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। जानकारी के मुताबिक इस पूरे मामले की शिकायत मप्र लोकायुक्त तक भी पहुंच गई है और लोकायुक्त ने इस मामले का संज्ञान लेना भी शुरू कर दिया है।
एक्सीलेंस टाइम एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और कक्का जी फ्लोरिस्ट को बिना टेंडर के हुआ करोड़ों का भुगतान।
आरटीआई के जरिए जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक संस्कृति विभाग की अधिकारी वंदना पांडे, रितेश धौलपुरिया ,प्रमोद दिकाते और एचआर अहिरवार की भूमिका इस मामले में संदिग्ध दिखाई पड़ रही है। यह तमाम अधिकारी लंबे समय से संस्कृति विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं। सूचना के अधिकार के जरिए जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक साल 2014 में संस्कृति विभाग में टेंडर आमंत्रित किए थे जिसमें इवेंट के लिए तमाम एजेंसियों को आमंत्रित किया गया था लेकिन इस पूरी टेंडर प्रक्रिया में एक्सीलेंस टाइम एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने हिस्सा ही नहीं लिया साथ ही दूसरी एजेंसी कक्का जी फ्लोरिस्ट ने टेंडर में हिस्सा तो लिया लेकिन इस एजेंसी को टेंडर नहीं मिल पाया इसके बावजूद दोनों ही एजेंसियों ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर बड़े-बड़े सरकारी इवेंट हासिल कर लिए और इन इवेंट्स के लिए संस्कृति विभाग के बजट से समय-समय पर करोड़ों रुपए का भुगतान भी दोनों ही एजेंसियों को किया जाता रहा। जिसके कागजात भी अब सामने आ चुके हैं।
सरकारी इवेंट बालाघाट में हो या झाबुआ में, कार्यक्रम के लिए फूल भोपाल से ही जायेंगे…!
अधिकारियों द्वारा पोषित भोपाल की कक्का जी फ्लोरिस्ट और एक्सीलेंस टाइम एंटरटेनमेंट प्रायवेट लिमिटेड के रसूख का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी कार्यक्रम सुदूर बालाघाट जिले में हो या झाबुआ जिले में , कार्यक्रम के लिए फूल और साजोसामान भोपाल से इन दोनों एजेंसियों के जरिये ही भेजा जाता है फिर चाहे 10 रुपये के काम के हज़ार रुपये ही क्यों न देने पड़े।
अधिकारियों ने मनमानी कर सरकार को लगाया करोड़ो का चूना, अब लोकायुक्त पहुँची संस्कृति विभाग की शिकायत।
जिस तरह से मनमानी कर संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने कुछ रसूखदारों को सरकारी पैसा देकर उपकृत करने की कोशिश की है, इस मामले की शिकायत अब लोकायुक्त तक पहुंच चुकी है। आरटीआई एक्टिविस्ट अरविंद शाक्य की शिकायत पर लोकायुक्त ने संज्ञान लिया है और अब इस पूरे मामले के कागजात संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव से तलब किया कागजातों की जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर लोकायुक्त जल्द ही मामला दर्ज करेगी। यह भी उम्मीद है कि लोकायुक्त की जांच के बाद संस्कृति विभाग में हो रहे इसी तरह के और भी कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आएंगे।
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