भोपाल की जेल में क्यों नहीं रहना चाहते सिमी के आतंकी? कोर्ट में लगाई साबरमती भेजने की अर्जी
मध्य प्रदेश में बंद सिमी के 11 आतंकियों को भोपाल की जेल रास नहीं आ रही. इन आतंकियों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए साबरमती जेल भेजने की अर्जी कोर्ट में लगाई है. यह आतंकी पहले साबरमती जेल में ही बंद थे और सुरंग खोद कर भागने की कोशिश कभी कर चुके हैं. हालांकि उस समय पकड़े जाने और मध्य प्रदेश में भी इनके खिलाफ मामले होने की वजह से इन्हें भोपाल की जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.
फांसी की सजा होने के बाद से अपनी मौत का इंतजार कर रहे इन आतंकियों ने भोपाल की जेल में कई बार आंदोलन भी किया है. साल 2008 में अहमदाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में दोषी इन आतंकियों की अर्जी कोर्ट ने स्वीकार कर ली है. इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होनी है. इस बीच कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि इन आतंकियों का मास्टर माइंड सफदर नागौरी है.
2013 में की थी भागने की कोशिश
साल 2013 तक ये आतंकी गुजरात की साबरमती जेल में ही बंद थे. हालांकि 2013 में इन आतंकियों ने जेल से भागने की योजना बनाई थी. इसके लिए 20 मीटर लंबी सुरंग भी खोद डाली थी. गनीमत रही कि समय रहते जेल प्रबंधन को खबर हो गई और ये आतंकी पकड़े गए थे. साल 2017 में इन आतंकियों को मध्य प्रदेश में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल लाया गया था. यहां आने के बाद से ही इन आतंकियों को भोपाल की जेल रास नहीं आ रही.
कई बार कर चुके हैं सुविधाओं के लिए आंदोलन
माना जा रहा है कि इन्हें साबरमती जेल में ज्यादा सुविधाएं मिलती थी, जबकि भोपाल जेल में इन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है. ऐसे हालात में ये आतंकी लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि इस जेल में उनकी जान को खतरा है. ये आतंकी अपनी हर पेशी में आरोप लगाते हैं कि उन्हें अंधेरे कमरे में नजरबंद करके रखा जाता है. यहां उनकी धार्मिक स्वतंत्रता छीन ली गई है. यही नहीं, इन आतंकियों ने यह भी आरोप लगाए थे कि पेशी पर ले जाने के दौरान इनका एनकाउंटर किया जा सकता है.
साल 2022 में हो चुकी है फांसी
उसके बाद से ही इनकी पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होती है. ये आतंकी कई बार सामूहिक नमाज पढ़ने, न्यूज पेपर और लाइब्रेरी सुविधा के लिए भूख हड़ताल कर चुके हैं. सिमी के इन 11 आतंकियों में से मास्टरमाइंड सफदर नागोरी सहित छह आतंकियों को अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में फरवरी 2022 में फांसी की सजा सुनाई गई थी. इस मामले में इन्होंने क्षमा याचिका भी लगाई है.
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