ब्रेकिंग
पत्नी और 3 बच्चों का मर्डर, गुत्थी सुलझाने के लिए बरगद के पेड़ के पास पहुंची पुलिस, वहां मिली ऐसी ची... कुड़मी आरक्षण की वो गूंज, जिससे झारखंड में एक साथ निपट गईं ये तीन पार्टियां मुसलमानों का करें बॉयकॉट… इस बयान पर सज्जाद नोमानी ने मांगी माफी, महाराष्ट्र नतीजे के बाद बदले सुर भाई की हार के बाद छलका मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का दर्द, भीतरघात को बताया हार की वजह आंखों में जलन-घुटन…दिल्ली की हवा में ‘जहर’, रेड जोन में 9 इलाके, AQI 400 के पार मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जाऊंगी… सीसामऊ से जीत के बाद ऐसा क्यों बोलीं सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी? बिहार: जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली ... किरणपाल मर्डर केस: दिल्ली में बदमाश रॉकी का एनकाउंटर, ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल की कर दी थी हत्या संभल में शाही मस्जिद के सर्वे पर बवाल, पुलिस पर भीड़ ने किया पथराव माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस

सूर्यग्रहण में क्या होता है रिंग ऑफ फायर? क्या इस बार भारतवासी देख पाएंगे ये दुर्लभ नजारा

 जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है तो उस दौरान सूर्य का कुछ अंश ढक जाता है. उस खगोलीय घटना को ग्रहण कहा जाता है. साल 2024 में दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है. ये इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी होगा. जब भी सूर्य ग्रहण लगता है को आकाश में कुछ दुर्लभ दृश्य हमेशा देखने को मिलते हैं. इसमें से एक रिंग ऑफ फायर भी है. इस बार भी सूर्य ग्रहण पर रिंग ऑफ फायर नजर आएगा. आइये जानते हैं कि क्या ये दुर्लभ नजारा भारत में भी दिखेगा.

कितने प्रकार के होते हैं सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण की बात करें तो ये कुल 3 प्रकार के होते हैं. पहला सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण के नाम से जाना जाता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से पृथवी को ढंक लेता है. ये वो समय होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी के बहुत पास होता है. ये वो समय होता है जब धरती पर अंधेरा छा जाता है.

दूसरा ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण के नाम से जाना जाता है. इसमें चंद्रमा पूरी तरह से सूरज को धंक नहीं पाता है और उसकी आंशिक छाया ही पृथ्वी पर पड़ती है. इस स्थिति को आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं.

तीसरा सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण के नाम से जाना जाता है. इसमें चंद्रमा बहुत दूरी से सूर्य और पृथ्वी के बीच से निकलता है. इस ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढंक नहीं पाता है और उसकी छाया सूर्य के बीच में पड़ती है.

क्या होता है रिंग ऑफ फायर

वलयाकार सूर्य ग्रहण के दौरान जब चांद की छाया सूर्य पर पड़ती है तो एक छल्ले के आकार जैसा दृश्य नजर आता है. इसकी रोशनी काफी तेज चमकती है. इसे साइंस की भाषा में एन्युलर सोलर एक्लिप्स भी कहते हैं. लेकिन ये जरूरी नहीं है कि ये नजारा हर ग्रहण में नजर आए. कभी-कभी तो सालों में एक बार ऐसा दुर्लभ दृश्य दिखाई देता है. लोग भी इस नजारे का आनंद उठाने के लिए बेकरार रहते हैं.

क्या भारत में दिखेगा रिंक ऑफ फायर?

सूर्य ग्रहण की बात करें तो ये 2 अक्टूबर को रात में 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और ये अगले दिन यानी 3 अक्टूबर को 3 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगा. जब ये सूर्यग्रहण लगेगा उस दौरान भारत में रात का समय होगा. इसलिए ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा साथ ही भारतवासी रिंग ऑफ फायर का भी नजारा खुली आंखों से नहीं देख पाएंगे. वहीं इसे अर्जेंटीना, पेरू साउथ अमेरिका समेत अन्य जगहों पर देखा जाएगा. सूर्य ग्रहण का समय रात में पड़ने की वजह से भारत में सूतक काल नहीं लगेगा. सूतक काल वो समय होता है जब किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है और इस अवधि में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन भारत में इस बार ऐसा नहीं होगा.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.