सूरज ढलते ही दरवाजे बंद, बच्चे नहीं जाते स्कूल; क्या इस गांव में है भूत का साया?
आज भले ही देश 21वीं सदी में पहुंच गया हो, विज्ञान ने कितनी ही तरक्की कर ली हो लेकिन मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड के पिछड़े इलाकों में लोग आज भी तंत्र-मंत्र और जादु-टोना टोटका में विश्वास करते हैं. बुन्देलखण्ड के टीकमगढ़ जिले के बखतपुरा गांव में पांच लोगों ने एक महीने पहले तांत्रिक क्रिया की थी जिसमें से दो लोगों की हाल ही में अचानक मौत हो गई, इसके बाद से गांव के लोग दहशत में हैं और आज भी वह भूत प्रेतों से इतने डरे हुए हैं कि सूरज ढ़लते ही पूरा गांव अपने-अपने घरों में कैद हो जाता है.
हालात ये हैं कि देर शाम से ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर जाता है. अगर रात में अचानक कोई किसी के दरवाजे पर दस्तक देकर बुलाये तो डर के चलते कोई अपने घरों के दरवाजे तक नहीं खोलता. गांव में डर का यह आलम है कि लोगों ने दिन में भी अपने बच्चों को स्कूल भेजना तक बंद कर दिया है. भूत प्रेतों की इस अफवाह के कारण कुछ लोग तो अपने घरों में ताले डालकर रिश्तेदारों के पास रहने चले गये हैं. इस बात की जानकारी मिलने पर पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने गांव में जनसंवाद कर लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि इस युग में भूतप्रेत जैसा कुछ नहीं होता, लेकिन गांव के लोग इस बात को मानने के लिए कतई तैयार नहीं हैं और उनका कहना है कि गांव में प्रेतों का कब्जा हो गया है और वह पूरे गांव मेंमंडरा रहे हैं.
पांच लोगों ने कराई थी तांत्रिक क्रिया
दरअसल, यह पूरा मामला टीकमगढ़ जिले के बखतपुरा गांव का है, जहां करीब एक महीने पहले गांव के पांच लोगों ने तांत्रिक क्रियाओं के चलते पूजा कराई थी. इसके बाद इन पांच लोगों में से बीते रोज दो लोगों की अचानक तबियत खराब होने पर परिजनों ने पहले तो उनकी झाड़फूंक कराई और जब हालत में सुधार होता दिखाईनहीं दिया तो उनमें से एक रामनारायण राजपूत को मेडिकल कॉलेज ग्वालियर और दूसरे शख्स प्रमोद विश्वकर्मा को मेडिकल कॉलेज झांसी में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के दौरान दोनों की एक दिन के अंतराल से मौत होगई. इस घटना के बाद से न केवल पूजा में शामिल अन्य तीन लोग बल्कि पूरा गांव दहशत में है.
डर के साए में जी रहा पूरा गांव
गांव वालों का कहना है कि तांत्रिक क्रियाओं के दौरान की गई पूजा में कहीं कोई गलती हुई है जिसके चलते आज पूरे गांव में भूत प्रेतों का सायामंडरा रहा है. लोगों का कहना है कि गांव की एक महिला ने प्रेत का साया देखा और वह मौके पर ही बेहोश हो गई. पूजापाठ कराने के बाद ही बमुश्किल महिला ठीक हो पाई, वहीं कैमरे के सामने ना आते हुए गांव के कुछ लोगों ने दबी जुबान से बताया कि इन पांचो लोगों ने बाहर से कुछ तांत्रिकों को बुलाकर दफीना खोदने यानी जमीन में गड़ा हुआ धन जुटाने के लिये ये क्रिया कराई थी जिसका परिणाम उल्टा हो गया, जिससे आज पूरा गांव परेशान है.
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