ब्रेकिंग
संभल: सपा MP जिया उर रहमान और विधायक के बेटे पर FIR, सांसद बोले- पुलिस पर भी हो मर्डर केस पुलिस नहीं, फिर किसने चलाई गोली… संभल में 4 मौतों का जिम्मेदार कौन? अडानी से लेकर मणिपुर तक… कांग्रेस ने बताया किन मुद्दों को संसद सत्र में उठाएगी जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाने की तैयारी तेज, BJP-शिवसेना-NCP की अलग-अलग बैठकें पत्थर तो चलेंगे… संभल बवाल पर बोले रामगोपाल यादव, अखिलेश ने कहा- सरकार ने जानबूझकर कराया पाकिस्तान से जंग में तीन बंकरों को कर दिया था नेस्तनाबूद , कहानी गाजीपुर के राम उग्रह पांडेय की झारखंड: जिस पार्टी का जीता सिर्फ एक विधायक, उसने भी बोला दे दूंगा इस्तीफा गाजियाबाद: डासना मंदिर के बाहर फोर्स तैनात, यति नरसिंहानंद को दिल्ली जाने से रोका, ये है वजह गूगल मैप ने दिया ‘धोखा’… दिखाया गलत रास्ता, पुल से नदी में गिरी कार, 3 की मौत

BJP विधायक की SUV से पेशी पर पहुंचे हाथरस कांड वाले भोले बाबा, समागम में भगदड़ से मरे थे 121 लोग

हाथरस कांड की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग के सामने गुरुवार को स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ बाबा नारायण साकार हरि की पेशी हुई. वह विधायक बाबूराम पासवान की ‘भाजपा विधायक’ लिखी गाड़ी में बैठकर भारी सुरक्षा के बीच पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया. इस दौरान लखनऊ के हजरतगंज सचिवालय में बने न्यायिक आयोग के दफ्तर के अंदर बाहर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. भोले बाबा की पेशी के दौरान विधायक बाबूराम पासवान भी उनके साथ रहे.

हालांकि न्यायिक आयोग के अध्यक्ष और रिटायर्ड जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव के सामने भोले बाबा को अकेले ही जाने दिया गया. जहां उन्होंने अपने बयान दर्ज कराने के साथ ही आयोग की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए. बता दें कि इसी साल दो जुलाई को भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ साकार नारायण हरि का सत्संग आयोजित किया गया था. सत्संग खत्म होने के बाद जब भोले बाबा कार्यक्रम स्थल से जाने लगे थे, ठीक उसी समय भगदड़ मच गई. इसमें 121 लोग मारे गए थे. वहीं दो दर्जन से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हुए थे. यह सभी लोग अन्य लोगों द्वारा कुचले जाने की वजह से घायल हुए और मारे गए थे. इस मामले में हाथरस पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था. शुरू में नाम भोले बाबा का भी था, लेकिन चार्जशीट में उनके नाम को हटा लिया गया था.

कौन है भोले बाबा?

मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाले भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे और 18 साल नौकरी के बाद VRS ले लिया था. घर लौटने के बाद वह अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहने लगे और कुछ दिन बाद ईश्वर से साक्षातकार का दावा करते हुए खुद को स्वयंभू संत घोषित कर दिया. विश्व हरि साकार उर्फ भोले बाबा को अनुयायियों की लंबी कतार है. इनका विवादों से भी पुराना नाता है. इटावा में पोस्टिंग के दौरान इनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगा था. बताया जाता है कि इस घटना के बाद इन्हें पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. इसी मामले में इन्हें जेल भी जाना पड़ा था.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.