ब्रेकिंग
संविधान की धज्जियां उड़ा रहे…NDA की बैठक में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना बेड पर छुपाई बिजली की तार, सोते ही करंट से तड़पने लगी गर्लफ्रेंड… बालकनी में टहलता रहा लिव-इन पार्टन... 30000 के बदले में एक लाख के जाली नोट… उन्नाव से दबोचे गए दो जालसाज; हैरान कर देगी इनकी कहानी जिसे सलमान खान ने धमकी देकर Bigg Boss से निकाला था, अब वो लॉरेंस बिश्नोई से मिलाना चाहता है हाथ 36 साल का इतिहास पलट सकता है रोहित शर्मा का उठाया ये कदम, जो होगा उसे गौतम गंभीर कभी भूला नहीं पाएंग... Ratan Tata ने जिस कंपनी की नौकरी छोड़ बचाई Tata Steel, आज उससे 9 गुना ज्यादा है उसका मार्केट कैप अग्रेंजी में है हाथ टाइट? अब अपनी भाषा में समझें कोई भी वीडियो, ये ट्रिक करेगा काम आसान शुक्रवार के दिन अगर कर लिया ये 3 काम तो होगा फायदा, पैसों से भर जाएगी आपकी जेब याह्या सिनवार, इस्माइल हानिया, नसरल्लाह…इजराइल ने सबको मार दिया, अब छूट जाएंगे बंधक? धनरेतस पर अपनों को भेजें ये स्पेशल उपहार, यूनिक गिफ्ट्स की सब करेंगे तारीफें

नए सिरे से बन रहा भोपाल समेत तीन शहरों का मास्टर प्लान, पर्यावरण और हाई राइज भवनों पर फोकस

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर और जबलपुर का मास्टर प्लान भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। इसमें ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) यानी हस्तांतरणीय विकास अधिकार, 24 मीटर की सड़कों की नीति, शहरों में हरियाली बढ़ाने और हाईराइज भवनों पर विशेष ध्यान दिया गया है। शहर के फैलाव को रोकने का प्रयास करने के साथ ही निकायों को सड़क, बिजली और पानी सहित कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ज्यादा धनराशि भी खर्च न करनी पड़े, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।

वर्षों से अटके हैं प्रस्ताव

बता दें, जबलपुर और इंदौर का मास्टर प्लान वर्ष 2041 तक के लिए और भोपाल का वर्ष 2047 तक के लिए तैयार किया जा रहा है। यह भोपाल और इंदौर का तीसरा, जबकि जबलपुर का चौथा मास्टर प्लान होगा। इससे पहले कई संशोधनों के चलते भोपाल का मास्टर प्लान 19 वर्ष और जबलपुर व इंदौर का तीन वर्ष से अटका हुआ है।

धारा 16 में कॉलोनी की अनुमति

भोपाल, इंदौर और जबलपुर में जब तक मास्टर प्लान लागू नहीं हुआ, तब तक धारा 16 के तहत कॉलोनी विकसित करने की अनुमति दी जा रही थी। जिला स्तर पर नगर और ग्राम निवेश के ज्वाइंट डायरेक्टर को धारा 16 के तहत अनुमति देने का अधिकार था, लेकिन सरकार ने सात माह पहले इसे बदल दिया। यह अधिकार नगर तथा ग्राम निवेश के आयुक्त को दे दिया गया है। प्रदेश में कालोनाइजरों के 40 से अधिक आवेदन लंबित हैं।

सड़कों को जोड़ने पर विशेष फोकस

भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान में मेट्रोपोलिटिन रीजन प्लान को भी शामिल किया जाएगा। इसके तहत भोपाल में सीहोर, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, बंगरसिया को मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। जबकि इंदौर के मास्टर प्लान में पीथमपुर, देवास और उज्जैन को भी शामिल किया जाएगा। सड़कों को जोड़ने पर विशेष फोकस किया जाएगा।

यह है नए मास्टर प्लान का ड्राफ्ट

नए सिरे से तैयार हो रहे प्लान के तहत कॉलोनाइजर को कॉलोनी काटने पर करीब एक तिहाई हिस्से में हरियाली तैयार करनी होगी। इसके अलावा रोड के दोनों तरफ और कॉलोनी के बाउंड्रीवाल के चारों तरफ पौधारोपण करना होगा। कॉलोनी में अंडरग्राउंड वायरिंग का भी प्रविधान किया जाएगा, जिससे पेड़ों की कटाई न करना पड़े।

आईटी पार्क के लिए तैयार किया जाएगा बाजार

शहरों में मिश्रित भूमि उपयोग को शामिल किया जाएगा। मुख्य मार्गों के बीच में व्यवसायिक क्षेत्र के लिए जगह तय की जाएगी। इसके अलावा दो से तीन किमी के बीच में बिना प्रदूषण वाला औद्योगिक क्षेत्र तय होगा। इससे शहर के लोगों को रोजगार मिलेगा। आइटी पार्क के लिए अलग ही बाजार तैयार किया जाएगा, जहां इससे जुड़ी सुविधाएं देना कॉलोनाइजर की जिम्मेदारी होगी।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर के मास्टर प्लान के नए सिरे से बनाए जा रहे ड्राफ्ट में सरकार द्वारा लागू नीतियों को शामिल किया जा रहा है। पर्यावरण, हरियाली और हाईराइज भवनों के प्रविधान के साथ ही मेट्रोपोलिटन रीजन प्लान को भी शामिल किया जाएगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.