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बिहार में 3,83,000 बिजली उपभोक्ताओं का नया रिकॉर्ड, 1 दिन में ऑनलाइन किया ₹11 करोड़ का स्मार्ट मीटर रिचार्ज

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार ने ऑनलाइन बिजली रिचार्ज कलेक्शन में नया रिकॉर्ड कायम किया है. खासतौर पर उत्तर बिहार के बिजली उपभोक्ताओं ने डिजिटल माध्यमों के जरिए मील का पत्थर स्थापित किया है. बीते बुधवार यानी 16 अक्टूबर को बिजली उपभोक्ताओं की जागरुकता का एक नजीर देखने को मिला. एक ही दिन में कुल 3 लाख, 83 हजार उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन रिचार्ज किया. इससे सरकार को करीब 11 करोड़ रुपये का राजस्व मिला.

बिहार में बिजली वितरण में ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन रिचार्ज के माध्यम से भुगतान किया है. प्रदेश के उर्जा विभाग ने जानकारी दी है कि इससे पहले 18 सितम्बर,2024 को 333,763 ट्रांजेक्शन के जरिये सबसे ज्यादा 7.58 करोड़ रुपये राजस्व मिले थे. ऐसा ही रिकॉर्ड रिचार्ज ट्रांजेक्शन बीते बुधवार को देखने को मिला है.

ऊर्जा विभाग का राजस्व प्रवाह बढ़ा

खास बात ये कि इस दौरान 3,96,688 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए, जिनमें से 311,910 उपभोक्ताओं के कनेक्शन फिर उसी दिन जोड़ दिए गए. इसका श्रेय भी डिजिटल री कनेक्शन सिस्टम की कुशलता को दिया जा रहा है. अक्टूबर 2024 के लिए औसत दैनिक राजस्व 2.73 करोड़ रुपये रहा. यह आंकड़ा काफी अहम माना जा रहा है.

उत्तर बिहार विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश देवरे ने बताया है कि उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हम लगातार ऑनलाइन सेवा को सरल और सुगम बना रहे हैं. इस आंकड़े और उपलब्धि से जाहिर होता है उपभोक्ता डिजिटल माध्यमों को अपनाकर बिलिंग और शुल्क जमा करने में आ रही समस्याओं से निजात पा रहे हैं.

स्मार्ट मीटर से आई क्रांति

सीएम नीतीश कुमार के शासन में बिजली वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट 2019 में शुरू किया गया था. राज्य में अब तक करीब 31 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. 2025 तक राज्यभर में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य पूरा करने की योजना है. स्मार्ट मीटर और डिजिटल भुगतान विकल्पों के विस्तार से उपभोक्ताओं को काफी सहूलियत मिली है. पहले उपभोक्ताओं को बिलिंग में देरी, गलत रीडिंग और समय पर भुगतान न होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

स्मार्ट मीटर परियोजना की शुरुआत के बाद से उपभोक्ताओं को वास्तविक समय पर बिजली खपत की जानकारी मिल रही है, जिससे वे बेहतर तरीके से अपनी ऊर्जा खपत का प्रबंधन कर पा रहे हैं. इससे बिजली वितरण और राजस्व संग्रहण में भी सुधार हो रहा है.

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