मकान में धमाका… 14 घंटे मलबे में दबी रहीं मां-बेटी, दोनों की लाश मिली; मुरैना हादसे की कहानी
मध्य प्रदेश में मुरैना की पटाखा फैक्ट्री में धमाके के बाद दो महिलाओं के शव मिले हैं. यह दोनों महिलाएं मां-बेटी हैं. इन दोनों का शव करीब 14 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद रविवार की सुबह बरामद किया गया. पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाने के बाद मलबा हटाने का काम तेज कर दिया है. पुलिस के मुताबिक मृत महिलाओं की पहचान इस मकान में रहने जमील खान की पत्नी अंजू बेगम और बेटी साहिबा के रूप में हुई है.
जमीन खान का परिवार इस मकान में किराए पर रहता था. पुलिस के मुताबिक यह मकान गजराज सिंह राठौर का है. हादसा मकान में बने पटाखे के गोदाम में शनिवार दोपहर बाद हुआ.यह धमाका इतना तेज था कि जमील खान का मकान तो ध्वस्त हुआ ही, आसपास के कई मकानों में भी दरारें आ गई हैं. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने आपदा राहत दल के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था.करीब 14 घंटे तक लगातार चले ऑपरेशन के बाद राहत टीमों ने रविवार की सुबह मां-बेटी के शव बरामद किया.
विस्फोट की चपेट में आए 5 मकान
पुलिस के मुताबिक हादसे के वक्त जमील खान की पत्नी अंजू बेगम और बेटी साहिबा घर में मौजूद थीं. इस धमाके में गजराज सिंह राठौर के दोनों मकान के अलावा शिव सिंह राठौर, धर्मेंद्र गुर्जर सहित पांच मकान इस विस्फोट की चपेट में आ गए. इस हादसे के बाद इलाके में दहशत की स्थिति बनी हुई है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक घटनास्थल पर सिलेंडर, बैटरी और जली हुई हालत में डीफ फ्रीजर मिला है.
कई इलाकों में बन गए हैं पटाखों के गोदाम
आशंका है कि सिलेंडर में लीकेज की वजह से यह धमाका हुआ है. हालांकि पुलिस फिलहाल इस मामले में साफ तौर पर कुछ भी कहने से बच रही है. बता दें कि दिवाली का त्योहार करीब आते ही जगह जगह पर पटाखे बनाने का काम शुरू हो गया है. कई जगह यहां तक कि आवासीय इलाकों में भी अवैध रूप से पटाखों के गोदाम बनाए गए हैं.
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