केजरीवाल ने लोकपाल आंदोलन कर दिल्ली को ठगा, सत्ता पाकर पहले पार्टी के लोकपाल को हटाया, अब दिल्ली में लोकपाल का पद खाली : चौ. अनिल कुमार
नई दिल्ली । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहाकि राजनीति में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए जनलोकपाल के गठन का ढिढोंरा पीटनेवाले अरविन्द केजरीवाल ने सत्ता हासिल करने के बाद 2 साल तक लोकायुक्त की नियुक्ति कोलंबित रखा और अब आम आदमी पार्टी तथा भाजपा के विधायकों और निगम पार्षदों को बचाने केलिए दिसम्बर 2020 से खाली पड़े लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति करने हेतू औपचारिकता पूर्वक भीकोई बैठक तक नही बुलाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मांग की कि तुरंत भाजपा सेविपक्ष के नेता, के साथ बैठक करके व औपचारिकता करके तुरंत उपराज्यपाल के पास भेजें। उन्होंनेयह भी माँग किया कि गृहमंत्री दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति के संबध में तलब करें ताकि दिल्लीको जल्द से जल्द केजरीवाल, भाजपा के भृष्टाचार से मुक्ति मिल सके!
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को चौ. अनिल कुमार ने संबोधित किया। संवाददाता सम्मेलन में कम्युनिकेशन विभाग के चैयरमेन, पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, पूर्व जिला अध्यक्ष कैलाश जैन और वाईस चैयरमेन अनुज आत्रेय भी मौजूद थे।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने जनलोकपाल के गठन और भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार पर आरोप लगाए थे, उस जनलोकपाल का गठन आज तक नहीं कर पाए है जबकि 2014 में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के जनलोकपाल गठन के लिए 49 दिन की सरकार यह कहकर गिरा दी थी, कि पूर्ण समर्थन मिलने पर हम भ्रष्टाचार मुक्ति और पारदर्शी प्रशासन के लिए जनलोकपाल का गठन करेंगे।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट के नोटिस के बाद 2015 के अप्रैल महीने में न्यायमूर्ति रेवाखेत्रपाल ने लोकायुक्त का पद संभाला, जिनका कार्यकाल 16 दिसम्बर 2020 को खत्म होने के बादपिछले 14 महीनों से लोकायुक्त का पद खाली पड़ा है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी में अरविन्द केजरीवाल तानाशाह रवैया और भ्रष्टाचार मुक्ति के प्रति संवेदनशीलता इससे साफ हो जाती है कि उन्होंने अपनी पार्टी के अंतरिमलोकपाल एडमिरल रामदास को 28 मार्च 2015 को हटा दिया था। उन्होंने कहा कि एक आरटीआईके अनुसार लोकायुक्त कार्यालय में 24 जनवरी, 2022 तक 38 विधायकों के खिलाफ लगभग 100 संगीन मामले लंबित है, जिन पर लोकायुक्त नही होने के कारण कोई कार्यवाही नही हो रही है। उन्होंनेकहा कि केजरीवाल ने 2015 से ही जनलोकपाल पर चर्चा इसलिए करना बंद कर दिया है क्योंकिमुख्यमंत्री सहित आम आदमी पार्टी के 80 प्रतिशत मंत्रियों सहित शतप्रतिशत विधायक भ्रष्टाचारऔर अपराधों में संलिप्त है जबकि अभी हाल ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बेहद करीबी निगमपार्षद गीता रावत को सीबीआई ने 20,000 रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि जनवरी 2019 में तत्कालीन लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल ने मुख्यमंत्रीकेजरीवाल सहित दिल्ली के सभी 68 विधायकों को नोटिस देकर अपनी संपत्ति की जानकारी देने केलिए कहा था, जबकि दिसम्बर 2020 तक 2 वर्षों के दौरान केजरीवाल सहित किसी भी विधायक नेलोकायुक्त के सम्मुख कोई जानकारी नही दी, ठीक उलट लोकायुक्त पर ही सवाल खड़े कर दियाथा!
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल समझते है कि जनलोकपाल का गठन करने और लोकायुक्त की नियुक्ति के बाद उनकी और उनके मंत्रियों, विधायकों की परेशानी बढ़ सकती है, इसलिए जानबूझकर लोकायुक्त की नियुक्ति नही करना चाहते। केजरीवाल उपमुख्यमंत्री मनीषसिसोदिया को कबीर फाउंडेशन, शराब लाईसेंस घोटाला और क्लासरुम घोटाला से बचाने, इमरानहुसैन को राशन घोटाला और ऑक्सीजन स्केम, सत्येंन्द्र जैन को पीडब्लूडी के तमाम घोटालों से, कैलाश गहलोट को डीटीसी के 4288 करोड़ के घोटाला, राजेन्द्रपाल गौतम पर जमीन कब्जा केमामले, अमानातुल्लाह खान वक्फ बोर्ड घोटाला से, प्रकाश जरवाल को टैंकर घोटाले से बचाने तथाराघव चड्डा को दिल्ली जल बोर्ड के तमाम घोटाले से बचाने के लिए लोकायुक्त नियुक्ति की अनदेखीकर रहे है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल आम आदमी पार्टी और भाजपा नेताओं को बचानेलिए हर संभव कोशिश कर रहे ताकि दोनो पार्टियों के गठजोड़ से दिल्ली में डबल इंजन की सरकारेंचलती रहें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 15 वर्षों में भ्रष्टाचार करके निगमों को कंगाल बना दिया है औरचुनाव से पूर्व अपने निगम पार्षदों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पार्टी से निष्कासित करती है। अभीहाल ही में भाजपाने सैदुलाजेब वार्ड के पार्षद संजय ठाकुर, न्यू अशोक नगर वार्ड से रजनी पांडे औरमुखर्जी नगर वार्ड से पार्षद पूजा मदान को पार्टी से निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और राजनीतिक अवसरवादिता में भाजपा और आम आदमी पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू है।
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