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खटिया पर सो रहा था मासूम, मां ने केबल से घोंट दिया गला, खुद भी पिया जहर… अब मिली ये सजा

मध्य प्रदेश के गुना में कोर्ट ने एक महिला को उम्र कैद की सजा सुनाई है. महिला पर सौतेले बेटे की हत्या का आरोप था. मामला साल 2022 का है. जब महिला ने बेटे की हत्या की तो खुद भी जहर पी लिया था. लेकिन महिला की जान बच गई. पुलिस ने बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया. कई पेशियों के बाद अब कोर्ट ने महिला को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया है.

घटना फतेहगढ़ इलाके की थी. साल 2020 में पहली पत्नी के छोड़कर चले जाने के बाद अंबाराम चक्क में रहने वाले सुखराम भील ने दूसरी शादी कर ली थी. लेकिन पहली शादी से उनके दो बच्चे थे. एक लड़का और एक लड़की. सुखराम ने पहली पत्नी की बुआ से ही शादी की थी. एक दिन सुखराम अपनी बेटी को लेकर शादी में शामिल होने गया था. उस वक्त घर में सुखराम के माता-पिता भी नहीं थे.

28 दिसंबर 2022 को लौटकर आए तो देखा कि घर में खटिया पर सुखराम का बेटा अभिषेक मृत पड़ा है. पास में अभिषेक की सौतेली मां भी अचेत अवस्था में पड़ी मिली थी. बच्चे की लाश के पास सफेद रंग के मोबाइल चार्जर की डाटा केबल पड़ी मिली थी. जांच में केबल पर बच्चे के गले की खाल के छोटे टुकड़े मिले. पुलिस को यह समझते देर न लगी कि मामला हत्या का है. सविता को अस्पताल ले जाया गया.

बच्चों से नफरत करती थी सविता

पुलिस को सविता पर शक हो रहा था. उन्होंने जब सख्ती से पूछताछ की तो सविता ने गुनाह कबूल लिया. पता चला कि सविता अपने सौतेले बच्चों को पसंद नहीं करती थी. बेटे अभिषेक से तो उसे कुछ ज्यादा ही नफरत थी. घटना के रोज रात को घर पर अभिषेक और उसकी सौतेली मां सविता बाई ही थे. सुबह करीब 8 बजे नरेश भील ने अभिषेक को जगाने के लिए आवाज लगाई, तो उसने दरवाजा नहीं खोला. दरवाजे की कुंडी अंदर से बंद थी. दरवाजा तोड़कर जब परिवार वाले अंदर घुसे तो वहां अभिषेक की लाश मिली और अचेत अवस्था में सविता भी पड़ी मिली.

19 महीने तक कोर्ट में चला मामला

19 महीने तक कोर्ट में यह केस चलता रहा. अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश सूर्यवंशी ने अब सविता को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही महिला पर जुर्माना भी लगाया है.

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