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महायुति को लगा झटका, छगन भुजबल के भतीजे समीर ने की बगावत; निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल ने बगावत कर दी है. उन्होंने ऐलान किया है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरेंगे. इसके साथ ही समीर भुजबल ने एनसीपी अजित गुट के मुंबई अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे चुनाव से पहले महायुति को बड़ा झटका लगा है.

सूत्रों का कहना है कि समीर भुजबल नांदगाव-मनमाड विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. महाराष्ट्र की राजनीति में एक और भतीजे ने बगावत की है. इससे पहले बालासाहेब के भतीजे राज ठाकरे और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी से बगावत की थी.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समीर भुजबल नंदगांव से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन चूंकि यह निर्वाचन क्षेत्र महागठबंधन में शिवसेना का है, इसलिए समीर भुजबल ने अलग रास्ता अपना लिया है.

इससे पहले यह खबर आई थी थी समीर भुजबल शरद पवार और जयंत पाटिल के संपर्क में हैं, लेकिन अब इसकी पुष्टि हो गयी है कि समीर भुजबल निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.

नंदगांव से सुहास कांडे को शिवसेना ने बनाया है उम्मीदवार

नासिक के नंदगांव से विधायक सुहास कांडे को शिवसेना की ओर से उम्मीदवार घोषित किया गया है. लेकिन छगन भुजबल के भतीजे और पूर्व सांसद समीर भुजबल की दिलचस्पी इस सीट पर थी.

उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने विधायक सुहास कांडे पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि वह नंदगांव से चुनाव लड़ेंगे. समीर भुजबल ने बताया कि वह 28 अक्टूबर को अपना नामांगन दाखिल करेंगे.

उन्होंनेे कहा कि मैं पिछले कई दिनों से इस निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रहा हूं. पंकज भुजबल ने यहां 10 साल तक काम किया. हमारा संगठन यहां मजबूत है. हमारा संगठन है. जब मैं 2009 में सांसद था, तब भी मैंने पार्टी के प्रतीक को ग्रामीण स्तर पर ले जाने का काम किया था. नासिक में अनेक विकास कार्य किये गये हैं.

उन्होंने कहा कि मुंबई-नासिक हाईवे, फ्लाईओवर, एयरपोर्ट, बोट क्लब जैसे कई काम किए. नासिक को मशहूर बनाने का काम किया. लगातार विकास कार्य किये गये. मुंबई नाका पर स्थापित हुई एशिया की सबसे बड़ी प्रतिमा. समीर भुजबल ने दावा किया कि किकवी बांध को मंजूरी दिलाने में मैंने प्रमुख भूमिका निभाई है.

नंदगांव में खौफ का माहौल, समीर भुजबल का आरोप

उन्होंने कहा कि मंत्री छगन भुजबल 1985 से विधायक हैं. मुझे विधायक बनने की उम्मीद नहीं है. मैं अब भी मुंबई क्षेत्र का अध्यक्ष हूं. जरूरी नहीं कि विधायक बनने की ही चाहत हो. लेकिन नंदगांव में स्थिति भयावह है. इस जगह पर पंकज भुजबल ने 10 साल में जो काम किया था, उसे बर्बाद कर दिया. नंदगांव में पानी की बड़ी समस्या है.

उन्होंने कहा कि हम एक महीने से शहर में सफाई अभियान चला रहे हैं. वर्तमान विधायकों ने यहां का माहौल भयावह बना दिया है. अगर कोई बोलने जाता है तो लोग कहते हैं कि चुपचाप बोलो. इसलिए कार्यकर्ताओं की स्थिति है कि हमें भी उम्मीदवार बनना चाहिए. ऐसी भावना है कि नंदगांव को भयमुक्त बनाने के लिए चुनाव लड़ा जाना चाहिए. गठबंधन में किसी भी समस्या से बचने के लिए मैंने अपना इस्तीफा उप मुख्यमंत्री अजित पवार को भेज दिया है.

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