महाराष्ट्र चुनाव: उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने जारी की एक और लिस्ट, वर्सोवा से हारुन खान को टिकट
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी ने तीन उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है. पार्टी ने वर्सोवा से हारुन खान को मैदान में उतारा है. वहीं, घाटकोपर पश्चिम से संजय भालेराव और विलेपार्ले से संदीप नाइक को टिकट दिया है.
इससे पहले शिवसेना यूबीटी ने 65 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी. इस तरह से देखें तो शिवसेना यूबीटी की ओर से अब तक 68 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं. पार्टी ने कोपरी पांच पाखडी ठाणे की सीट से आनंद दिखे के भतीजे केदार दिखे को उम्मीदवार घोषित किया है.
पार्टी ने कोपरी पाचपाखाडी सीट से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने आनंद दिखे के भतीजे केदार दिघे को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, ठाणे की सीट से राजन विचारे, रामटेक से विशाल बरबटे, रत्नागिरी से सुरेंद्रनाथ को टिकट दिया है. कुछ सीटें और भी हैं जहां अभी उम्मीदवार घोषित किए जाने हैं.
संजय राउत ने सीएम योगी पर बोला हमला
संजय राउत ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार करने को लेकर निशाना साधा. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राउत ने कहा कि योगी आदित्यनाथ हमारे मित्र रहे हैं. हम बाबा जी का आदर करते हैं. हम उनका प्यार आपस में बांट लेते हैं, लेकिन बात अगर चुनाव और राजनीति की है तो फिर महाराष्ट्र में आकर बाबा जी क्या करेंगे जरा मुझे बताइए आप?
‘अयोध्या, चित्रकूट तो बचा नहीं पाए’
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बाबा जी अपनी खुद की पार्टी को नहीं बचा पाए. अयोध्या और चित्रकूट नहीं बचा पाए तो फिर भला महाराष्ट्र में आकर वो क्या करेंगे? भड़काऊ भाषण देंगे, दंगे भड़काने की कोशिश करेंगे. बाबा जी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं. ये महाराष्ट्र है भाई , ये फूले साहू अंबेडकर और क्षत्रपति शिवाजी की धरती है. महाराष्ट्र में हम न तो बटेंगे और न ही कटेंगे.
राहुल की नाराजगी पर क्या बोले संजय राउत?
वहीं, टिकट बंटवारे को लेकर राहुल गांधी की नाराजगी पर राउत ने कहा कि राहुल बहुत ही संयमित नेता हैं और उनको महाराष्ट्र की राजनीति के बारे में सब पता है. जो अंदर रहते हैं वो बाहर आकर कुछ और बोलते हैं. यहां तीनों पार्टी बहुत मजबूत है. इन तीनों को समान सीटें मिली हैं. हरियाणा में तो कांग्रेस पूरी सीट पर लड़ी थी, सरकार में नहीं आ पाई. सबका साथ सबका विकास, इस नारे की अगर सबसे ज्यादा जरूरत है तो महाविकास अघाड़ी को है.
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