गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा
जब कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है तो उसके सामने उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. ऐसा ही एक नाम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आया है. यहां पर एक बुजुर्ग ने एक दो नहीं बल्कि नौ पदक जीतकर प्रदेश को दीपावली का तोहफा दिया है. कैप्टन बब्बन गाजीपुर के रेवतीपुर ब्लाक के रामपुर उर्फ साधोपुर के रहने वाले हैं. अवकाश प्राप्त कैप्टन बब्बन राम ने महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित तीसरी नेशनल मास्टर्स स्पोर्ट्स और गेम्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया है.
उन्होंने कुल 9 पदक जीतकर जिले ही नहीं पूरे प्रदेश को दीपावली और धनतेरस का तोहफा दिया है. बब्बर राम इस प्रतियोगिता में तीन गोल्ड, तीन सिल्वर और तीन ब्रांज मेडल अपने नाम किया है. सेना के अवकाश प्राप्त कैप्टन बब्बन राम ने महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित तीसरी नेशनल मास्टर्स स्पोर्ट्स और गेम्स चैंपियनशिप में भाग लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है. उन्होंने अलग-अलग खेल में कुल नौ पदक जीत अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. जीते गये पदकों में तीन गोल्ड,तीन सिल्वर और तीन ब्रांज मेडल शामिल हैं.
गांववालों और सैनिकों ने दी बधाई
अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और पदक जीतने की जानकारी जब ग्रामीणों, सैन्य कर्मियों,खेल प्रेमियों को हुई तो सभी खुशी की लहर दौड़ पड़ी. लोगों ने इतने पद एकसाथ जीतने पर पूर्व कैप्टन बब्बन राम को शुभकामनाएं दीं. पूर्व कैप्टन ने तैराकी के सौ मीटर फ्री स्टाइल और बैक स्ट्रोक में दो गोल्ड जबकि तैराकी के 50 मीटर ब्रेस्ट में सिल्वर, इसी तरह 110 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड,जबकि, डिस्कस थ्रो में ब्रांज मेडल जीता.
इसी तरह ट्रिपल जंम्प में ब्रांज मेडल और लंम्बी कूद में ब्रांज मेडल और सात अलग-अलग खेलों में एक साथ भाग लेने पर आयोजन सीमिति के दो अलग से सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया. राष्ट्रीय मास्टर्स एथलीट पूर्व कैप्टन बब्बन राम ने बताया कि उनके तीन साल के खेल कैरियर का अब तक का उनका यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. पदक जीतने से उन्हें काफी खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर कर गुजरने की क्षमता है, तो उसमें उम्र बाधा नहीं बन सकती. बस कड़ी मेहनत की जरूरत है.
दीवाली पर दिया प्रदेश को मेडल
गांववालों ने बताया कि ढलती उम्र में भी जिस तेजी और फुर्ती से पूर्व कैप्टन बब्बन राम ने खेल में अपना लोहा मनवाया है, वह निश्चित ही युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकते हैं. साथ ही लोगों ने यह भी बताया कि दीपावली और धनतेरस का पर्व पर लोगों को सौगात देने का पर्व कहा जाता है.
इस त्योहार पर बब्बन राम ने हम गांववालों को इस तरह का सौगात दिया है जो हम कभी भूल भी नहीं सकते हैं. बब्बन राम सेना में 1979 में भर्ती हुए. जबकि, 2009 में रिटायर होने के बाद 2021 से 65 प्लस आयु वर्ग के मास्टर्स एथलेटिक में खेलना शुरू किया था. उन्होंने इसके पहले अब तक कुल तेरह पदक भी जीत चुके हैं.
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