दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला
आयुष्मान योजना पर केंद्र और आम आदमी पार्टी के बीच ठन गई है. प्रधानमंत्री के उस बयान पर आम आदमी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है, जिसमें पीएम ने कहा था कि 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को दिल्ली और बंगाल में सिर्फ लाभ नहीं मिलेगा. दरअसल, केंद्र ने 70+ उम्र के लोगों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना शुरू की है. इसके तहत 6 करोड़ बुजुर्गों को पूरे देश में फायदा होगा.
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर आपके पास फ्रिज, बाइक है, आपकी आमदनी दस हजार प्रति माह है तो आपको आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलेगा. दिल्ली में अगर यह लागू हुआ तो किसी को इसका लाभ नहीं मिलेगा. इसकी शर्त इतनी कठिन है कि किसी को इसका लाभ नहीं मिल सकता है.
सांसद संजय सिंह ने आगे कहा कि हरियाणा में इसका सच सबने देख लिया है कि कितना बड़ा फ्रॉड हुआ है. अगर जांच हो जाए पूरे देश में तो केंद्र की सरकार मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी. दिल्ली में अगर सरकारी अस्पतालों में एक महीने से ज्यादा का डेट मिले तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. इसकी खर्च दिल्ली सरकार उठाती है.
सिंह के मुताबिक फरिश्ते योजना में सड़क दुर्घटना में घायलों का फ्री इलाज होता है. मोहल्ला क्लिनिक में दो सौ तरह की जांच फ्री होती है. हमारे मॉडल की तारीफ संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कॉफी अन्नान तक ने की है.
सीएम की लिखी चिट्ठी कैसे हुई लीक, पूछूंगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने वक्फ बोर्ड से जुड़ा एक पत्र संयुक्त संसदीय समिति को लिखा था. यह पत्र अब बाहर आ गया है. इस पर सांसद संजय सिंह ने कहा कि JPC की अपनी एक मर्यादा है. बाहर कोई बात नहीं की जा सकती है. अगर चेयरमैन ने बाहर कोई बयान दिया है तो हम कमेटी में उस पर चर्चा करेंगे.
एयरलाइंस को उड़ाने की धमकी पर सवाल उठाया
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि आज पूरा देश दहशत में है और विचलित है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में सुरक्षा की यह हालत है कि एयरलाइंस को उड़ाने की धमकी मिल रही है. मंदिरों, स्कूलों को उड़ाने की धमकी मिल रही है. फ्लाइट से जाने वाले लोगों के मन में डर है कि कब कौन सा जहाज उड़ा दिया जाएगा. संसद तक सुरक्षित नहीं है. नरेंद्र मोदी सरकार के ही कार्यकाल में कुछ नौजवान संसद में घुस गए थे.
22 अगस्त को एयर इंडिया, 1 सितंबर को इंडिगो, 4 सितंबर को एयरइंडिया, 6 सितंबर को विस्तारा, 15 अक्टूबर को एयर इंडिया, 17 अक्टूबर को एयर इंडिया, एयर अकाशा और 27 अक्टूबर को एक साथ 50 जहाजों और 28 अक्टूबर को एक साथ 60 जहाजों को उड़ाने की धमकी दी गई.
ऐसे ही तिरुपति, महाकालेश्वर, प्रेम मंदिर वृंदावन जैसे मंदिरों को उड़ाने की धमकी दी गई. साथ ही दिल्ली, चेन्नई, कानपुर, लखनऊ के कई स्कूलों को उड़ाने की धमकी दी गई.
प्रधानमंत्री मोदी और सरकार इस पूरे मामले पर खामोश क्यों हैं. दिल्ली से लेकर एयरपोर्ट तक की कानून व्यवस्था केंद्र के अधीन है. अगर धमकी कहीं भी सच में बदल गई तो लोगों के मन में कितना बड़ा भय पैदा होगा.
उन्होंने आगे कहा कि 26/11 की घटना पूरी दुनिया ने देखा है. मैं पूछना चाहता हूं गृह मंत्री से कि आपकी सरकार ने क्या काम किया है अब तक इस मामले में. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस बारे में सार्वजनिक बयान देना चाहिए कि कौन लोग हैं इसके पीछे और सरकार क्या कर रही है.
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