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स्विगी को लगा तगड़ा झटका, 130 रुपए वसूलने चले थे अब देना होगा 35000 का जुर्माना

रंगा रेड्डी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने स्विगी के खिलाफ अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए फैसला सुनाया है. हैदराबाद निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत के बाद यह फैसला आया, जिन्होंने स्विगी पर उनके स्विगी वन मेंबरशिप बेनिफिट्स का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. शिकायत के मुताबिक, स्विगी ने कथित रूप से डिलीवरी की दूरी बढ़ाकर बाबू से अतिरिक्त शुल्क लिया. आयोग ने कंपनी को शिकायतकर्ता को कुल 35,453 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है.

क्या है पूरा मामला?

मामला तब उठा जब सुरेश बाबू नाम के यूजर ने अपनी स्विगी वन मेंबरशिप के तहत 1 नवंबर, 2023 को एक ऑर्डर किया. मेंबरशिप में एक निश्चित दूरी तक मुफ्त डिलीवरी का वादा किया गया था, लेकिन स्विगी ने कथित रूप से 9.7 किलोमीटर की वास्तविक दूरी को बढ़ाकर 14 किलोमीटर दर्ज कर दिया, जिससे बाबू को 103 रुपए का अतिरिक्त डिलीवरी शुल्क देना पड़ा. आयोग ने बाबू द्वारा प्रस्तुत गूगल मैप्स के स्क्रीनशॉट को प्रमाण के रूप में स्वीकार किया और पाया कि स्विगी ने बिना किसी उचित कारण के दूरी को बढ़ाकर अनुचित व्यापारिक आचरण किया.

कोर्ट ने सुनाया ये सख्त फैसला

शिकायत पर सुनवाई में स्विगी शामिल नहीं हुआ, जिसके कारण आयोग ने बाबू के हलफनामे और सहायक दस्तावेजों के आधार पर एकतरफा फैसला सुनाया. आयोग ने स्विगी को आदेश दिया कि वह बाबू को 350.48 रुपए 9 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करे, 103 रुपए का डिलीवरी शुल्क लौटाए, और मानसिक परेशानी व असुविधा के लिए 5,000 रुपए का मुआवजा दे.

इसके अलावा, मुकदमे की लागत में भी 5,000 रुपए देने के लिए कहा गया. आयोग ने यह भी आदेश दिया कि स्विगी भविष्य में मेंबरशिप लाभों का दुरुपयोग करते हुए डिलीवरी की दूरी में इस प्रकार की हेरफेर करना बंद करे. आयोग ने स्विगी को उपभोक्ता कल्याण कोष में 25,000 रुपए का दंडात्मक हर्जाना भी जमा करने का निर्देश दिया. आयोग ने आदेश के पालन के लिए स्विगी को 45 दिन का समय दिया है.

कंपनी ला रही है आईपीओ

स्विगी जो एक ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी है. वह अपने आईपीओ की तैयारी में जुटी है, जो 6 नवंबर को निर्धारित है. कंपनी का लक्ष्य आईपीओ के जरिए प्राइमरी मार्केट से 11,000 करोड़ रुपए जुटाना है. स्विगी के आईपीओ में निवेशकों ने बड़ी रुचि दिखाई है. नॉर्वे के सॉवरेन वेल्थ फंड नॉर्जेस और फ़िडेलिटी ने 15 बिलियन डॉलर से अधिक की बोलियां लगाई हैं. यह राशि आईपीओ के तहत 605 मिलियन डॉलर के हिस्से का 25 गुना अधिक है, जो दर्शाता है कि स्विगी के प्रति निवेशकों का विश्वास काफी मजबूत है.

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