ब्रेकिंग
अवैध निर्माण पर अब कैसे चलेगा बुलडोजर? पढ़ लें सुप्रीम कोर्ट की ये 5 बड़ी गाइडलाइंस शिंदे के दिए जख्म और BJP की चोट का दर्द अभी नहीं भूले उद्धव, NDA में वापसी पर पूर्ण विराम क्या नौसेना को मिलेगी ये खास क्रूज मिसाइल, US के टॉमहॉक को देती है टक्कर रीवा: सड़क पर सचाई चिता, फिर प्रेग्नेंट महिला देने लगी सुसाइड की धमकी, वजह जान आपकी भी आंख में आ जाए... रोहतास: गर्लफ्रेंड की तय हुई शादी तो गुस्सा हो गया बॉयफ्रेंड, घर में अकेला देख कर डाला ये कांड गुटखा थूकने के लिए खोला चलती गाड़ी का दरवाजा, तभी पीछे से आई तेज रफ्तार बाइक, फिर… दिल्ली: लड़की और उसकी मौसी के साथ गैंगरेप, क्लब के बहाने कार में बैठाकर ले गए, और फिर… SDM साहब की लाल बत्ती वाली गाड़ी पर चढ़ गई बार डांसर, लगाने लगी ठुमके… Video वायरल होते ही हुआ ये एक... गुटखा थूकने के लिए खोला चलती गाड़ी का दरवाजा, तभी पीछे से आई तेज रफ्तार बाइक, फिर… राजस्थान उपचुनाव: निर्दलीय प्रत्याशी ने SDM को जड़ा थप्पड़, इस कारण हुआ विवाद

आम लोगों का सिरदर्द बनी महंगाई, आलू-प्याज-टमाटर ने वेज थाली की कीमतें बढ़ाईं

सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अक्टूबर में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का घर का बना खाना महंगा हो गया. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी थाली की कीमत एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 20 फीसदी बढ़कर 33.3 रुपये प्रति प्लेट हो गई. यह सितंबर की कीमत 31.3 रुपये से भी अधिक थी, जिसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में उछाल था. आइए आपको भ बताते हैं कि आखिर शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतों में इजाफा क्यों देखने को मिला है.

आलू-प्याज-टमाटर ने बढ़ाई महंगाई

रिपोर्ट के अनुसार मासिक ‘रोटी चावल दर’ रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में प्याज की कीमतें सालाना आधार पर 46 फीसदी बढ़ीं, जबकि आलू की कीमतें 51 फीसदी बढ़ीं, जिसका मुख्य कारण लगातार बारिश होना है, जिसके कारण आवक कम हुई और महाराष्ट्र और कर्नाटक में फसल भी प्रभावित हुई. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टमाटर की कीमतें एक साल पहले की समान अवधि के 29 रुपए प्रति किलोग्राम से दोगुनी होकर 64 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं, क्योंकि बारिश के कारण आवक प्रभावित हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से आपूर्ति शुरू होने के साथ नवंबर से इस जिंस (टमाटर) की कीमतें स्थिर होने की संभावना है.

ये भी है महंगाई का कारण

रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतों का कुल थाली लागत में 40 प्रतिशत भारांश होता है और इसलिए उतार-चढ़ाव ने कुल लागत को प्रभावित किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी थाली में 11 प्रतिशत भार वाली दालों की कीमतों में इस महीने के दौरान 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसका कारण शुरुआती स्टॉक में कमी, स्टॉक पाइपलाइन में कमी और त्योहारी मांग का होना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नई आवक के कारण दिसंबर से कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईंधन की लागत में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की गिरावट ने भोजन की लागत में उछाल को रोकने में मदद की.

मांसाहारी थाली में मामूली इजाफा

वहीं दूसरी ओर मांसाहारी थाली की महंगाई को लेकर भी रिपोर्ट में ज्यादा चिंता व्यक्त नहीं की गई है. मांसाहारी थाली के मामले में, ब्रॉयलर की कीमतों में 9 प्रतिशत की गिरावट, जो कि थाली की लागत का आधा हिस्सा है, ने लागत में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि की. रिपोर्ट के अनुसार घर में बनी मांसाहारी थाली की कीमत अक्टूबर में 61.6 रुपये रही, जबकि एक महीने पहले इसी अवधि में यह 59.3 रुपये और एक साल पहले इसी अवधि में 58.6 रुपए थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मांसाहारी थाली की लागत में 22 प्रतिशत हिस्सा सब्जियों की कीमतों का भी रहा.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.