आदिवासियों पर सरकार ने बढ़ाया फोकस, पूर्व विधायकों को बनाया पेसा टास्क फोर्स का सदस्य
भोपाल। वर्ष 2018 में भाजपा को सरकार से बेदखल करने में जिन आदिवासियों की अहम भूमिका रही, उस वर्ग पर सरकार ने विशेष रूप से फोकस किया है। राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा नियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है। इसके लिए अलग से एक कार्यकारी समिति भी गठित की गई है, जिनमें पूर्व विधायकों को सदस्य बनाया गया है।
समिति में ये शामिल
समिति के प्रमुख दायित्व
- -टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम के प्रविधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिए संस्तुति प्रदान करना।
- -वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना।
- -राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन, राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों को डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिए जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिए अनुसंशाएं प्रदान करना।
- -प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिंदुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना।
- -राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना।
- -टास्क फोर्स का कार्यकाल दो वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुशंसाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।
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