180 से ज्यादा ग्रुप, 200 से अधिक बैठकें…क्या महाराष्ट्र में मुसलमान लामबंद हो रहे हैं?
लोकसभा चुनाव के बाद अब महाराष्ट्र में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच वोट जिहाद का मुद्दा सामने आया है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में महायुति के कई उम्मीदवार सिर्फ मुस्लिम बहुल इलाके में MVA के उम्मीदवार को एकतरफा वोट पड़ने से हार गए थे. हालांकि, बीजेपी के इस आरोप को विपक्ष ने सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन अब इसकी सच्चाई सामने आ गई कि आखिर लोकसभा में मुस्लिम इलाकों में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान कैसे हुआ और एक तरफा सिर्फ MVA के उम्मीदवारों को वोट कैसे मिला? अब वही कोशिश विधानसभा चुनाव में भी दोहराने की हो रही है.
दरअसल मराठी मुस्लिम सेवा संघ और महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फोरम नाम की संस्थाओं ने लोकसभा की तरह अब विधानसभा में 180 से ज्यादा माइनॉरिटी से जुड़ी संस्थाओं का एक समूह बनाया है. इस समूह ने अब तक पूरे महाराष्ट्र में 200 से ज्यादा बैठके की हैं. ये सारी बैठक मुस्लिम बहुल इलाके जैसे मुंबई के गोवंडी, मानखुर्द, शिवाजी नगर, भिंडी बाजार, नागपाड़ा सहित धारावी, अणुशक्ति नगर जैसे मुंबई के इलाकों में हुई. इसी तरह मुस्लिम डोमिनेटेड इलाके जो महाराष्ट्र के अन्य जिलों में है वहां भी हुई.
अभी तक इस समूह के बारे में ज्यादा किसी को न तो जानकारी थी ना ही इस समूह और संस्था के पदाधिकारी कभी सामने आए लेकिन महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फोरम के कोऑर्डिनेटर से सीधे मुलाकात की और बात की साथ ही मराठी मुस्लिम सेवा संघ के प्रमुख फकीर अहमद से भी बात की.
शाकिर शेख और फकीर अहमद से सीधा सवाल था कि वोटर्स में जागरूकता किस तरह से फैला रहे है? उनका कहना था कि मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिम समाज हमेशा वोटिंग करने कम संख्या में निकलता है इसलिए वो पूरे राज्य में दौरा कर रहे है इसमें सैकड़ों एनजीओ भी उनके साथ हैं. हम मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट का महत्व बता रहे है ताकि लोग ज्यादा बड़ी संख्या में घरों से निकले और वोट करें.
किसे वोट करना है के सवाल पर मिला ये जवाब
जब उनसे पूछा गया कि क्या मतदाताओं को यह भी बताया जाता है कि किसे वोट करना है? तो शाकिर शेख ने कहा कि बिल्कुल, हम लोगों को बता रहे है कि सेक्युलर पार्टी को वोट करें जो संविधान और देश की रक्षा के लिए काम कर रही है, जो समाज को बांटने की बात नहीं करती है ऐसी सेक्युलर पार्टी को वोट दें.
बीजेपी आपके इस काम को तो सीधे वोट जिहाद से जोड़ रही है क्योंकि आप सीधे तौर पर एक पार्टी या गठबंधन के खिलाफ लामबंद हो रहे है क्या गलता नहीं है? इसके जवाब में शाकिर शेख ने कहा कि बिल्कुल गलत नहीं है. लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जा रही है. हम तो मुस्लिम समाज को बता रहे हैं कि उनके वोट की ताकत क्या है और उसका चुनाव के नतीजे पर कैसे असर पड़ता है. इसको वोट जिहाद से कैसे जोड़ सकते हैं. जिहाद का मतलब संघर्ष होता है इसको जिहाद से जोड़ना ठीक नहीं है.
इसी संगठन ने लोकसभा चुनाव में भी किया था काम
वहीं फकीर अहमद ने तो साफ कहा कि इसी तरह उन्होंने लोकसभा में काम किया था और मोदी जी के 400 पार के नारे को रोक दिया था. बीजेपी की सीट कम हुई. उसी तरह हम इस बार भी विधानसभा चुनाव में भी काम कर रहे हैं और MVA को वोट देने के लिए कह रहे हैं क्योंकि बीजेपी सांप्रदायिकता फैला रही है.
इस बयान के बाद बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ये वोट जिहाद है और ऐसे कामों के जरिए दंगे फैलाने की साजिश है. ये बिल्कुल नहीं चलेगा, इस देश में जिन्ना की सोच मंजूर नहीं है.
स्मृति ईरानी ने विपक्ष पर बोला हमला
वहीं बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि जो लोग वोट जिहाद का आक्रमण देश के लोकतंत्र पर कर रहे ये लोग कहां थे जब तीन तलाक से पीड़ित महिलाएं न्याय मांग रही थीं. ये कहा थे जब गरीब मुसलमान नौजवान शिक्षा सुविधा मांग रहे थे? वोट जिहाद कहकर वोट मांगने वाले लोकतंत्र की शक्ति को नहीं मानते. जहां-जहां कांग्रेस पार्टी है वहां हिंदू, हिंदुइज्म और हिंदुस्तान का अपमान करते हैं. ऐसी साजिशों का पर्दाफाश होगा.
शिवसेना यूबीटी सांसद बोलीं- इसमें कुछ भी गलत नहीं
वहीं, बीजेपी के इन आरोपों पर UBT की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने जवाब दिया. उन्होंने पहले तो कहा कि उन्हें इस बारे में ज्यादा पता नहीं है, लेकिन ऐसा कोई NGO अगर MVA को वोट देने के लिए प्रेरित कर रहा है तो इसमें गलत क्या है. सभी लोग वोट मांगने जाते हैं. आज संविधान और देश खतरे में है तो उन्हें जहां सुरक्षित लगता है वोट देंगे और जब मुस्लिम महिलाओं का वोट बीजेपी को मिला तो वोट जिहाद नहीं था. UBT और कांग्रेस को मिला तो वोट जिहाद कैसे हो गया. ये सिर्फ हिन्दू मुस्लिम करते हैं और नफरत फैलाते है.
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