ब्रेकिंग
जान्हवी कपूर या खुशी कपूर, दोनों बहनों में से किसका बॉयफ्रेंड है ज्यादा अमीर? बच्ची की बलि, सीना चीरकर निकाला दिल, बिना कपड़ों में तंत्र पूजा; सिद्धी पाने के लिए कातिल बनी मां देश को आजादी दिलाने में सिर्फ एक पार्टी या एक परिवार नहीं, आदिवासी समाज का भी बड़ा योगदान: PM मोदी दिल्ली में अमित शाह ने किया बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण, वजन 3 हजार kg महाराष्ट्रः औरंगाबाद की 2 सीटों पर जीत को लेकर ऐसे ही कॉन्फिडेंट नहीं हैं ओवैसी, 5 महीने पहले ही मिल... पप्पू यादव को धमकी देने का मामला निकला फर्जी, किसी और को फंसाने के लिए रची साजिश इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण का संचालन शुरू करने की कवायद तेज हो गई है. जेवर एयरपोर्ट का 39... नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग टेस्टिंग टली, जानें अब कितना करना पड़ेगा इंतजार? ‘हिंदू विरोधियों के साथ रहे अजित’, मतदान से ठीक पहले क्यों ‘बंट’ गए फडणवीस और पवार? कार्तिक पूर्णिमा पर जाम हो गया पटना, दीघा में गाड़ियों की कतार, सड़क पर रेंगते दिखे वाहन

‘महाकाल की नगरी में निगम अधिकारी अकाल ढा रहे हैं’… मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की तल्ख टिप्पणी, जानिए पूरा मामला

इंदौर। ‘महाकाल की नगरी में उज्जैन नगर निगम के अधिकारी अकाल ढा रहे हैं। सरकार जांच करे। अगर वास्तव में उज्जैन नगर निगम की आर्थिक स्थिति इतनी बदहाल है कि वह ठेकेदारों को भुगतान ही नहीं कर पा रहा है, तो सरकार इसे अपने अधीन ले ले।’

यह तल्ख टिप्पणी मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने उज्जैन नगर निगम से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए की है। चीफ जस्टिस मंगलवार को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में मामलों की सुनवाई कर रहे थे।

अधिकारियों का वेतन आधा कर दें

चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में आगे कहा कि जब तक ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक राजपत्रित अधिकारियों का वेतन आधा कर दें। इस मामले में नगर निगम चार सप्ताह में ठेकेदार को पूरा भुगतान करें। अगर ऐसा नहीं किया तो उज्जैन निगमायुक्त के खिलाफ अवमानना का मामला चलेगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.