ब्रेकिंग
माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट औरैया में पेड़ से टकराकर खाई में पलटी कार, 4 लोगों की मौत; शादी में जा रहे थे सभी महाराष्ट्र: ठाकरे-शिंदे-फडणवीस-पवार… सीएम पद के दावेदार, कौन निभाएगा मुख्य किरदार? बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों पर बीजेपी की पैनी नजर, देवेंद्र फडणवीस ने की बैठक बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आई तो बंद कर देगी ये 6 रेवड़ियां… अरविंद केजरीवाल का हमला अमन अरोड़ा होंगे पंजाब में AAP के अध्यक्ष, सीएम भगवंत मान ने किया ऐलान मानहानि मामले में CM आतिशी को बड़ी राहत, सुनवाई पर लगी रोक, जानें क्या है मामला पटना: बालू लदे ट्रक ने स्कूली बच्चों की ऑटो में मारी टक्कर, 4 की मौत; 3 गंभीर घायल

बटेंगे तो कटेंगे का लिटमस टेस्ट! सिर्फ मुस्लिम इलाकों में क्यों कराई जा रही योगी आदित्यनाथ की रैली?

बटेंगे तो कटेंगे नारे के सुर्खियों में आने के बाद मुस्लिम बहुल इलाके में योगी आदित्यनाथ की जमकर ड्यूटी लगाई जा रही है. योगी एक दिन में 4-4 मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर रैली कर रहे हैं. पिछले एक हफ्ते में महाराष्ट्र और झारखंड की 10 सीटों पर योगी की रैली हो भी चुकी है. दिलचस्प बात है कि इन सभी रैलियों में योगी सिर्फ बटेंगे तो कटेंगे के नारे पर ही अपने भाषण को सीमित रख रहे हैं.

कहा जा रहा है कि मुस्लिम बहुल इन इलाकों में योगी की रैली के जरिए बीजेपी ध्रुवीकरण की कवायद कर रही है, जिससे लड़ाई आमने-सामने की हो.

बटेंगे तो कटेंगे के नारे का लिटमस टेस्ट

मुस्लिम बहुल इलाके में योगी की रैली के जरिए बीजेपी बटेंगे तो कटेंगे नारे का लिटमस टेस्ट भी करना चाह रही है. अगर दोनों राज्यों के चुनाव में यह सफल होता है तो कहा जा रहा है कि आने वाले वक्त में इसे और ज्यादा ही रंग दिया जा सकता है.

अगस्त 2024 में पहली बार योगी आदित्यनाथ ने बटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया था. दरअसल, लोकसभा चुनाव में हिंदी पट्टी जातीय ध्रुवीकरण ने बीजेपी को बहुमत से पीछे कर दिया, जिसके बाद से ही पार्टी बटेंगे तो कटेंगे के नारे पर आगे बढ़ रही है.

इन 10 सीटों पर CM योगी ने की रैली

अचलपुर- 12 नवंबर को महाराष्ट्र के अचलपुर में योगी आदित्यनाथ ने रैली की है. यहां प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चू कडू, बीजेपी के प्रवीण तायडे और कांग्रेस के अनिरुद्ध देशमुख मैदान में हैं. अचलपुर में करीब 19 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है. 17 प्रतिशत यहां दलित समुदाय के लोग रहते हैं. अचलपुर में 6.13 प्रतिशत मतदाता एसटी समुदाय के हैं.

अकोला पश्चिम- योगी आदित्यनाथ ने यहां भी बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में रैली की है. बीजेपी से यहां विजय अग्रवाल और कांग्रेस से साजिद खान मैदान में हैं. अकोल पश्चिम विधानसभा सीट पर मुसलमानों की आबादी 41.6 प्रतिशत है. यहां दलित 10 और आदिवासी 3 प्रतिशत हैं. अकोला पश्चिम सीट पर लगातार बीजेपी जीतती रही है.

नागपुर मध्य- विदर्भ के नागपुर मध्य विधानसभा सीट पर भी योगी आदित्यनाथ ने रैली की है. यहां कांग्रेस के सिंबल पर बंटी शल्के और बीजेपी के सिंबल पर प्रवीण डटके मैदान में हैं. नागपुर मध्य में मुसलमानों की आबादी करीब 22 प्रतिशत है. यहां दलित 9 और आदिवासी वोटर्स 20 प्रतिशत के आसपास हैं.

नागपुर पश्चिम- नागपुर मध्य के साथ-साथ योगी ने नागपुर पश्चिम में भी एक रैली की है. यहां से विकास ठाकरे कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने सुधाकर कोहले को टिकट दिया है. नागपुर वेस्ट में मुसलमानों की आबादी करीब 12 प्रतिशत है. यहां दलित 20 और आदिवासी मतदाताओं की संख्या 8 प्रतिशत के आसपास है.

भवनाथपुर- झारखंड की भवनाथपुर में योगी रैली कर चुके हैं. यहां से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट अनंत देव मैदान में हैं. बीजेपी के सिंबल पर भानुप्रताप शाही चुनाव लड़ रहे हैं. भवनाथपुर में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 14 प्रतिशत है. यहां आदिवासी भी लगभग 14 प्रतिशत हैं.

हुस्सैनाबाद- दलित-मुस्लिम बहुल हुस्सैनाबाद में भी योगी आदित्यनाथ ने रैली की है. हुस्सैनाबाद में बीजेपी के सिंबल पर कमलेश सिंह मैदान में हैं. आरजेडी ने यहां से संजय यादव को मैदान में उतारा है. हुस्सैनाबाद में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी करीब 14 प्रतिशत है. यहां दलित 22 प्रतिशत के आसपास है.

पांकी- पलामू जिले के पांकी में भी योगी आदित्यनाथ रैली कर चुके हैं. यहां 16 प्रतिशत करीब मुस्लिम वोटर्स हैं. पांकी में बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से है. बीजेपी ने यहां से शशिभूषण मेहता को मैदान में उतारा है. कांग्रेस के टिकट पर लाल सूरज मैदान में हैं.

लातेहार, कोडरमा और बरकागांव में भी रैली

इन 7 सीटों के अलावा योगी आदित्यनाथ झारखंड के बरकागांव, कोडरमा और लातेहर में भी रैली कर चुके हैं. दलितों के लिए सुरक्षित लातेहर में मुसलमानों की आबादी करीब 12 प्रतिशत है. वहीं कोडरमा में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी करीब 16 प्रतिशत है. इसी तरह बरकागांव में 15 प्रतिशत मुस्लिम हैं.

लातेहार और बरकागांव में वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. कोडरमा में बीजेपी को 2019 में जीत मिली थी. इस बार तीनों ही सीटों पर बीजेपी जीत की कवायद में जुटी हुई है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.