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NEET PG Counselling: केंद्र सरकार EWS मापदंडों में इस साल नहीं करेगी बदलाव, 8 लाख ही रहेगी

केंद्र सरकार ने NEET-PG कोर्स में ऑल इंडिया कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ( EWS) के लिए आरक्षण के पुराने मानदंड को बरकरार रखने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार NEET-PG के वर्तमान सत्र के लिए EWS कोटे में 8 लाख रुपये तक की आय के मापदंड में बदलाव नहीं करेगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर दाखिलों के लिए काउंसिलिंग कराने की इजाजत मांगी है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि इस साल वो 8 लाख रुपए तक की आयवर्ग वाले उम्मीदवारों को EWS के तहत दाखिला देना चाहती है, क्योंकि बीच रास्ते में मापदंड में बदलाव करने से पेचीदगी बढ़ेगी। केंद्र ने भी बताया कि अगले सत्र से EWS के मापदंडों में बदलाव किया जा सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को होनी है।

मापदंड में बदलाव करना पेचीदगी बढ़ाने वाले कदम होगा
केंद्र सरकार ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस साल वह 8 साल रुपए तक की आय वर्ग वाले उम्मीदवारों को NEET-PG कोर्स में दाखिला देना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट अगर इस साल के लिए मंजूरी दे तो हम दाखिले के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। कोर्ट में दाखिल हल्फनामे के जरिए क्रेंद्र सरकार ने दलील दी है कि दाखिला प्रक्रिया का पहला चरण परीक्षा के साथ पूरा हो गया है। प्रक्रिया के बीच EWS के मापदंड में बदलाव करना पेचीदगी बढ़ाने वाले कदम होगा। एक्सपर्ट कमेटी ने भी सिफारिश की है कि अगले साल इस सालाना आठ लाख रुपए आय वाले मानदंड में सुधार किया जा सकता है। इस बार तो इसी आधार पर दाखिला शुरू करने को कोर्ट मंजूरी दे।

भविष्य के लिए कमेटी ने दिया ये सुझाव
भविष्य के लिए कमेटी ने सुझाव दिया है कि EWS कोटे के लाभ के लिए परिवार की 8 लाख रुपये तक सालाना आय के साथ उन परिवारों के उम्मीदवारों को भी शामिल किया जाएगा जिनके पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि है। यानी अगली सिफारिश में ये साफ होगा कि जिन परिवारों के पास 5 एकड़ या इससे अधिक कृषि भूमि है उनको EWS कोटे से बाहर रखा जाएगा अथवा नहीं, चाहे कृषि भूमि पर फसल से उनको कितनी भी आमदनी होती हो।

अगली सुनवाई 6 जनवरी को
केंद्र सरकार ने 25 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 8 लाख रुपये तक सालाना आय की सीमा तय करने पर उठाए गए सवालों और पेचीदगी की लेकर एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाएगी जो एक महीने में सिफारिश देगी। इसके बाद काउंसलिंग शुरू की जाएगी। इसी के चलते अगली सुनवाई 06 जनवरी को तय की गई।

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