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पंचायत चुनाव रद्द करके चुनाव आयोग को 20 करोड़ का फटका! प्रत्याशियों के 250 करोड़ डूबे

भोपाल: प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भले ही अब निरस्त हो गए हैं, लेकिन चुनाव के लिए नामाकंन भरने वाले प्रत्याशी बुरी तरह उलझ कर रह गए हैं। दरअसल चुनाव ऐसे समय निरस्त किए गए हैं जब, पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार पूरी तरह से जोर पकड़ चुका था। ऐसे में चुनाव प्रचार में लाखों रुपए खर्च करने वाले प्रत्याशी में खासा विरोध देखने को मिला। यही वजह है कि अब आयोग को प्रत्याशियों द्वारा जमा कराई गई जमानत राशि तो लौटानी ही पड़ रही है साथ ही इन चुनाव प्रचार या तैयारियों में खर्च की गई राशि का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। निर्वाचन आयोग प्रत्याशियों को 20 करोड़ रुपए का भुगतान करेगा।

सरपंची के लिए गंवानी पड़ी जमीन और संपत्ति
सबसे बड़ा नुकसान उन प्रत्याशियों को उठाना पड़ रहा है जिन्होंने चुनावी प्रचार के लिए अपनी संपत्ति बेचकर या फिर उसे गिरवी रखकर राशि का इंतजाम किया था। कइयों ने तो अपने सोने चांदी के गहनें गिरवी रखकर नामांकन भरे थे। चुनाव निरस्त होते होते करीब 2.15 लाख उम्मीदवार नामांकन भर चुके थे। ऐसे में आयोग को इन सबके नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी।

ओबीसी आरक्षण से बनी ऐसी स्थिति
दरअसल प्रदेश में यह चुनाव तीन चरणों में 6 जनवरी से होने जा रहे थे, लेकिन इससे पहले ही ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी सरकार में पेंच फस गया। वहीं मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से और उलझ गया। ऐसे में चुनाव निरस्त हो गए वो भी तब जब पहले चरण के मतदान के लिए महज नौ दिन का समय ही रह गया था।

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