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छत्तीसगढ़ में पंच-सरपंच के 233 पद रह गए खाली, नक्सली भय से बस्तर संभाग के पांच जिलों में 83 पद शामिल

 नामांकन ही जमा नहीं किया है। इनमें से आधे से अधिक पद पिछले दो-ढाई सालों से खाली पड़े हैं। इनमें पंच के 77 और सरपंच के छह पद अकेले नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के पांच जिलों के हैं। कांकेर जिले में पंच के सर्वाधिक 64 पदों के लिए एक भी नामांकन नहीं हुआ है। इसी तरह सूरजपुर में 24 और रायगढ़ में पंच के 20 पदों पर नामांकन नहीं हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार इन पदों के लिए छह महीने के भीतर फिर से चुनाव कराए जाएंगे।

राज्य निर्वाचन आयोग के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। तय कार्यक्रम के अनुसार जिन पदों पर दो या उससे अधिक प्रत्याश्ाी हैं, वहां 20 जनवरी को मतदान होगा। इधर, जिन जिलों में पंच और सरपंच के पद के लिए एक भी नामांकन दाखिल नहीं किए गए हैं, उनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर समेत कई मैदानी जिले भी श्ाामिल हैं। राजनीतिक दलों के लोग और चुनाव आयोग से जुड़े अफसरों की राय में नामांकन जमा नहीं होने की सबसे बड़ी वजह जागरूकता की कमी है। इसके लिए राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए।

दलीय आधार पर नहीं होते चुनाव

पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते। माना जाता है कि इसकी वजह से भी पंचायत चुनाव में लोगों की दिलचस्पी कम रहती है।

जागरुक हो रहे हैं लोग

राज्य के पूर्व निर्वाचन आयुक्त डा. सुश्ाील त्रिवेदी के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नामांकन जमा नहीं होने की सबसे बड़ी वजह नक्सली भय ही है। पहले बड़ी संख्या में पद खाली रह जाते थे। लेकिन जैसे-जैसे नक्सलवाद सिमट रहा है, लोग जागरुक हो रहे हैं। यही वजह है कि अब खाली पदों की संख्या में भी कमी होती जा रही है।

कम समय के लिए नहीं लड़ना चाहते चुनाव

मैदानी क्षेत्रों में नामांकन दाखिल नहीं करने की बड़ी वजह छोटा कार्यकाल है। जानकारों की राय में जो पद खाली रह गए हैं, उनमें अधिकांश्ा पदों पर उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में चुनाव जीतने वाले को काम करने का कम वक्त मिलेगा। इस वजह से भी उपचुनाव लड़ने से लोग कतराते हैं।

11 पदों के सभी नामांकन निरस्

पंच के 10 और सरपंच के एक पद के लिए जमा किए गए सभी नामांकन जांच के दौरान निरस्त कर दिए गए हैं। इसी तरह पंच का एक और सरपंच के तीन पद के लिए कोर्ट केस की वजह से चुनाव नहीं हो पा रहा है।

नक्सल भय से नारायण्ापुर में छह सरपंचों का इस्तीफा

इधर नक्सल प्रभावित नारायण्ापुर जिले के ओरछा और अबूझमाड़ की छह ग्राम पंचातयों के सरपंचों ने नक्सली दहश्ात के कारण इस्तीफा दे दिया है। इसे लेकर शनिवार को रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार की यदि घटना हुई है तो मैं जानकारी ले लेता हूं कि किन परिस्थितियों में यह हुआ है। वहीं, नारायणपुर के कलेक्टर धर्मेश्ा साहू ने कहा कि इस्तीफे पिछले दो-ढाई साल के दौरान हुए होंगे। अभी इस तरह की कोई सूचना नहीं है।

खाली पदों की छह में होती है चुनाव की प्रक्रिया

नामांकन जमा नहीं करने के कई कारण हो सकते हैं। आयोग की तरफ से प्रत्येक छह माह में खाली पदों के लिए चुनाव की प्रक्रिया की जाती है।

– ठाकुरराम सिंह, राज्य निर्वाचन आयुक्त

भाजपा सरकार में पंचायतों में पद खाली रहते थे

भाजपा की 15 साल की सरकार मेंं सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में पंचायतों के पद खाली रहते थे। हमारी सरकार आने के बाद पहली बार सुकमा जैसे जिले में सारे चुनाव हुए और सभी पंच कार्यरत हैं।

भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री

इन पदों के लिए चल रही चुनाव की प्रक्रिया

पद कुल संख्या निर्विरोध चुनाव होंगे

पंच 1,803 1,258 330

सरपंच 229 44 152

जनपद सदस्य 30 03 27

जिपं सदस्य 03 00 03

कहां कितने पद खाली

जिला पंच सरपंच

बीजापुर 02 02

कांकेर 64 02

नारायणपुर 05 02

बस्तर 03 00

कोंडागांव 03 00

कबीरधाम 01 05

राजनांदगांव 03 00

बालोद 03 00

दुर्ग 02 03

बेमेतरा 07 04

धमतरी 00 01

महासमुंद 09 01

गरियाबंद 10 00

बलौदाबाजार 01 01

रायपुर 04 01

जशपुर 02 00

सरगुजा 12 00

बलरामपुर 04 00

सूरजपुर 45 02

रायगढ़ 20 02

कोरबा 04 00

मुंगेली 00 01

बिलासपुर 00 02

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