ब्रेकिंग
अडानी से लेकर मणिपुर तक… कांग्रेस ने बताया किन मुद्दों को संसद सत्र में उठाएगी जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाने की तैयारी तेज, BJP-शिवसेना-NCP की अलग-अलग बैठकें पत्थर तो चलेंगे… संभल बवाल पर बोले रामगोपाल यादव, अखिलेश ने कहा- सरकार ने जानबूझकर कराया पाकिस्तान से जंग में तीन बंकरों को कर दिया था नेस्तनाबूद , कहानी गाजीपुर के राम उग्रह पांडेय की झारखंड: जिस पार्टी का जीता सिर्फ एक विधायक, उसने भी बोला दे दूंगा इस्तीफा गाजियाबाद: डासना मंदिर के बाहर फोर्स तैनात, यति नरसिंहानंद को दिल्ली जाने से रोका, ये है वजह गूगल मैप ने दिया ‘धोखा’… दिखाया गलत रास्ता, पुल से नदी में गिरी कार, 3 की मौत 30 लाख की नौकरी छोड़ी, UPSC क्रैक कर बने IPS, जानें कौन हैं संभल के SP कृष्ण कुमार बिश्नोई? संभल: मस्जिद के सर्वे को लेकर 1 घंटे तक तांडव… फूंक दीं 7 गाड़ियां, 3 की मौत; बवाल की कहानी

अतिक्रमणकारियों के द्वारा रेलवे क्वार्टर के समीप झुग्गी- झोपड़ी बनाने से हो रही है परेशानी -रेलवे कॉलोनी का माहौल पर पड़ रहा है बुरा प्रभाव

कटिहार रेल मंडल मुख्यालय स्थित विभिन्न रेलवे कॉलोनी एवं रेलवे की खाली जमीन पर अतिक्रमणकारियों के द्वारा अतिक्रमण कर लिए जाने से रेल प्रशासन को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।अतिक्रमण हटाने के दिशा में संबंधित अधिकारी के द्वारा कई बार अभियान चलाया गया। इसके बावजूद भी शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटाने में रेल प्रशासन असफल रहे हैं।रेल प्रशासन का दावा है कि जल्द ही इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई किया जायेगा। डीआरएम बिल्डिंग से महज कुछ दुरी पर इमरजेंसी कॉलोनी, न्यू कॉलोनी,ओटीपाडा़, साहेबपाडा़, लगड़ाबगान, संतोषी कॉलोनी, ड्राइवर टोला अलावे रेल की खाली जमीन पर अतिक्रमणकारियों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। रेलवे कॉलोनी के आवासीय परिक्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के द्वारा क्वार्टर के समीप झुग्गी- झोपड़ी बनाकर वर्षों से रह रहे हैं। जिसके कारण रेलवे कॉलोनी का माहौल पर भी बुरा असर पड़ रहा है।यहां के सोसाइटी के कार्य कुशलता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

अतिक्रमणकारी स्वच्छता से कोसों दूर
—————————————
रेलवे कॉलोनी में रहने वाले रेल कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे कॉलोनी का माहौल आम लोगों के अपेक्षा हटकर के हैं।रेलवे कॉलोनी की संस्कृति एवं रहन सहन का भी तौर तरीका आम लोगों के अपेक्षा अलग है।लेकिन अतिक्रमणकारियों के द्वारा रेलवे कॉलोनी में झुग्गी झोपड़ी बना लिए जाने के कारण रेलवे कॉलोनी का संस्कृति एवं रहन सहन के अनुरूप नहीं है।जिसके कारण वातावरण पर व्यापक असर पड़ रहा है।झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग स्वच्छता से कोसों दूर है।जबकि रेलवे कॉलोनी में रहने वाले लोग स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हैं।

रेलवे कर्मचारी अतिक्रमण को लेकर चिंतित
————————————-
अतिक्रमणकारियों के द्वारा रेलवे कॉलोनी गंदगी फैलाया जा रहा है।अतिक्रमणकारियों के रहन-सहन का स्तर काफी नीचे रहने के कारण रेलवे क्वार्टर में रहने वाले रेल कर्मचारियों के छोटे-छोटे बच्चे पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। इसके लिए रेल कर्मचारी काफी चिंतित हैं।रेलवे कर्मचारियों के द्वारा संबंधित उच्चाधिकारियों को कई बार रेलवे कॉलोनी से अतिक्रमणकारियों को निकालने की मांग किया गया है।लेकिन इस दिशा में अभी तक रेल प्रशासन के द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं किया गया है।

रेलवे काँलौनी में हजारों झुग्गी-झोपडी़
————————————-
रेलवे कॉलोनियों में एक हजार से अधिक झुग्गी- झोपड़ी बनाकर रेल की जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है।इसके अलावा रेल की खाली जमीन पर भी हजारों लोगों ने झुग्गी झोपड़ी बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया है। जिसके कारण रेल प्रशासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।वैसे रेल प्रशासन के द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चला जाता है। अभियान के तहत दर्जनों झोपड़ी झुग्गी- झोपड़ी को हटाकर अपने कर्तव्य का पालन किया जाता है।

रेल की जमीन पर फल फुल रहा है व्यवसाय
—————————————
रेल की जमीन पर बड़ी संख्या में अवैध रूप से व्यवसायिक प्रतिष्ठान का संचालन किया जा रहा है. मॉडल स्टेशन रोड, संतोषी कॉलोनी चौक,जीआरपी चौक, ओवर ब्रिज सहित सभी रेलवे स्टेशन रोड के किनारे झुग्गी झोपड़ी एवं गुमटी में व्यवसाय चला रहे हैं.इसके एवज में रेल प्रशासन को राजस्व नहीं दिया जा रहा है.जिससे रेल प्रशासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

क्या कहते हैं रेल कार्य निरीक्षक
—————————————-
रेलवे कार्य निरीक्षक एच कुमार ने कहा कि रेल प्रशासन के द्वारा रेलवे कॉलोनी एवं आउटसाइड के अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई किया जा रहा है।जल्दी ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाया जाएगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.