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सहकारी बैंकों को भी जल्द सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की अनुमति मिलेगी: गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि सहकारी बैंकों को जल्द ही सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा जाएगा। शाह ने यहां एक कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भाग लेते हुए कहा, बहुत जल्द सहकारिता क्षेत्र इन सरकारी योजनाओं से जुड़ेगा जिससे आम आदमी से हमारा सीधा संपर्क बढ़ेगा। अब तक सहकारिता क्षेत्र को जेएएम डीबीटी योजनाओं से दूर रखा गया है लेकिन अब सरकार ने सहकारी बैंकों को भी इन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का हिस्सा बनाने का फैसला किया है। जन-धन खाता, आधार नंबर और मोबाइल नंबर के सम्मिलित इस्तेमाल (जेएएम) से लाभार्थियों के बैंक खातों में सरकार की तरफ से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) वाली रकम भेजी जाती है। सरकारी सब्सिडी से जुड़ी गड़बड़ियां दूर करने के लिए सरकार जेएएम अभियान की मदद से जनधन खाते, आधार और मोबाइल नंबर को एक-दूसरे से जोड़ना चाहती है। शाह ने कहा कि फिलहाल 52 मंत्रालय जेएएम की मदद से लाभार्थियों को मदद पहुंचाने के लिए डीबीटी का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह करीब 300 सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के खातों में सीधी रकम भेजी जाती है। अमित शाह अहमदाबाद स्थित गुजरात राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (खेती बैंक) की 70वीं सालाना आमसभा को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने चूककर्ताओं से 190 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए इस सहकारी बैंक के प्रबंधन की सराहना भी की। शाह ने कहा, ‘खेती बैंक ने गुजरात में कृषि क्षेत्र के विकास में बड़ा योगदान दिया है। यह किसानों को दीर्घ एवं मध्यम अवधि का कर्ज देता है। अभी तक इसने करीब 8.42 लाख किसानों को 4,543 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे हैं।

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