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कांग्रेस नेता ने कहा-समन्‍वय से लड़ते तो तेजस्‍वी आज बिहार के सीएम होते, अब हठधर्मिता छोड़े राजद

पटना। विधान परिषद चुनाव (Bihar MLC Election) के लिए सीटों के बंटवारे पर महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। सीटोंं को लेकर राजद और कांग्रेस (RJD and Congress) में सामंजस्‍य नहीं बनता दिख रहा है।  2015 के समझौते के आधार पर राजद ने चार सीटों की पेशकश की है लेकिन कांग्रेस सात सीटें मांग रही है। 2015 के विधान परिषद चुनाव में सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिमी चंपारण से कांग्रेस चुनाव लड़ी थी। इस बार कांग्रेस ने सहरसा से अपना दावा वापस ले लिया। दरभंगा, बेगूसराय, सीतामढी और भागलपुर सीटों की मांग की है। भागलपुर भाकपा के कोटे में चली गई है। राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद ने भी कांग्रेस को छह से सात सीटें देने की बात कही थी। दोनों दलों के प्रवक्‍ताओं ने इस मुद्दे पर बयान देकर माहौल गरमा दिया है।

सबसे बड़ा दल हम, हमको दूसरा दे ज्ञान 

राजद प्रवक्‍ता मृत्‍युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के साथ राजद का स्‍वाभाविक गठबंधन रहा है। लेकिन बिना मतलब का कोई कुछ बोल दे तो इसका जवाब देना उचित नहीं समझते। विधानसभा चुनाव में हमलोग जो कह रहे थे वह सच निकला। किसको कितना वोट मिला, किसकी कितनी ताकत है, सब जानते हैं। आज कांग्रेस के जो 19 विधायक हैं, वह हमारी वजह से हैं। हम चाहते हैं कि कांग्रेस मजबूत हो लेकिन जब हम मजबूत होंगे तब ही न वह मजबूत होगी। कांग्रेस की ओर से रगड़ा किए जाने की बात पर उन्‍होंने कहा कि सबसे बड़ा दल फर्स्‍ट डिविजन हम हैं, हमको कोई दूसरा उपदेश दे। बिहार का सबसे बड़ा दल राजद है। अब हमको कोई सिखाए तो यह हास्‍यास्‍पद है।  तेजस्‍वी जी महागठबंधन में सबका सम्‍मान करते हैं। कांग्रेस के लोग नकारात्‍मक राजनीति करते हैं।

महागठबंधन के सभी दलों के शीर्ष नेता करें निर्णय 

बता दें कि कांग्रेस प्रवक्‍ता राजेश राठौर ने कहा कि उपचुनाव में अलायंस होता तो दोनों सीटें हम जीत गए होते। इसलिए जरूरी है कि‍ मिलकर काम हो। पार्टी तय करेगी कि हमारा उम्‍मीदवार कौन होगा। राजद का उम्‍मीदवार हम तय करें तो यह रगड़ा हो जाएगा। राजद की हठधर्मिता का खामियाजा सबसे ज्‍यादा राजद को भुगतना पड़ता है। 2020 का चुनाव समन्‍वय से बना होता तो आज तेजस्‍वी यादव सीएम होते।

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