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पूजा अर्चना के साथ संस्थानों व घरों में लोगों ने की भगवान गणेश की स्थापना | With worship, people established Lord Ganesha in institutions and homes

फरीदाबाद। भारत में गणेशोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हर जगह गणेश चतुर्थी की रौनक देखी जाती है।शहर में ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश का पर्व बुधवार से शुरू हो गया।शहर में ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश का पर्व बुधवार से शुरू हो गया। विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ संस्थानों और घरों में लोगों ने भगवान गणेश की स्थापना की। पंडित सर्वेशानंद महाराज के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है, इस दिन गणपति बप्पा का जन्म दिवस मनाया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होने के बाद गणेशोत्सव पूरे धूमधाम के साथ कई दिन तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी तिथि पर लोग अपने घरों में शुभ मुहूर्त पर भगवान गणेश की स्थापना करते हैं। कई दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव के दौरान विधि अनुसार श्रद्धालु विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करते हैं। उत्सव के समापन पर उनकी मूर्ति को पवित्र नदी, सरोवर या झील में विसर्जित करते हैं। पंडित सर्वेशानंद महाराज के अनुसार भारत में गणेशोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हर जगह गणेश चतुर्थी की रौनक देखी जाती है। लोग गणेश चतुर्थी पर व्रत रखकर उनकी पूजा करते हैं। इसी कड़ी में लिंग्याज विद्यापीठ में भी धूमधाम के साथ गणपति की स्थापना की गई। इको फ्रेंडली गणपति के साथ इस बार उनकी साज-सज्जा भी पूरी तरह से प्रकृति को ध्यान में रखकर की गई है। जिससे पर्यावरण की ओर लोग प्रेरित हों। लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डॉ. पिचेश्वर गड्डे और प्रो वाइस चांसलर प्रो. डॉ. जीजी शास्त्री ने पूरे विधि-विधान के साथ गणपति की पूजा-अर्चना की। कॉलेज के सदस्यों के साथ-साथ स्टूडेंट्स ने भगवान गणेश के स्थापना अवसर पर पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। डॉ. शास्त्री ने बताया शुक्रवार को विसर्जन किया जाएगा।शहर में कई जगह गणेशोत्सव की धूम:उधर गणेश चतुर्थी पर श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में विशेष पूजन अर्चना की गई। इस अवसर पर गणपति के विग्रह का अभिषेक हुआ। दिव्यधाम के अधिपति श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि गणपति को प्रथम पूज्य देव माना गया है। किसी भी कार्य को करने से पहले गणपति के पूजन का विधान रखा गया है क्योंकि गणपति सभी विघ्नों को दूर करने वाले हैं और कार्य को संपन्न कराते हैं। महाराष्ट्र मित्र मंडल की ओर से सार्वजानिक श्री गणेश उत्सव गांधी कॉलोनी स्थित समुदायिक भवन में बड़े धूमधाम से 4 सितंबर तक मनाया जाएगा। मंडल की ओर से गणेशजी कू मूर्ति की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। यात्रा बप्पा के जयघोष से शुरू हुई। इसमें भक्तों ने गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया नारे लगाए एवं नाचते गाते हुए बप्पा का स्वागत किया। रास्ते में जहां जहां यात्रा रुकी वहां वहां लोग बप्पा का आशीर्वाद लेने से खुद को रोक नहीं पाए। मंडल के पदाधिकारी सुधाकर पांचाल के अनुसार 31 अगस्त को भगवान गणेश की स्थापना पूर्ण वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान से हुई।

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