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8 दिन बाद बांदा-कानपुर मार्ग शुरू, गांव में कम नहीं हुईं लोगों की मुसीबतें, शिविर में रह रहे ग्रामीण

फतेहपुर: फतेहपुर में यमुना नदी में आई बाढ़ के 8 दिन बाद पानी कम होने पर गांव में घुसा पानी भी निकलने लगा है। लेकिन ग्रामीणों की मुसीबत कम होने का नाम अभी नहीं ले रही हैं। बाढ़ के पानी से आधे से ज्यादा कच्चे मकान गिरने से ग्रामीण राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं। साथ ही कानपुर-बांदा मार्ग 8 दिन बाद जिला प्रशासन ने चालू करा दिया है।सदर तहसील के ललौली  के मजरे पल्टू का पुरवा गांव में 8 दिन बाद यमुना नदी का पानी कम होने के बाद की टीम गांव पहुंची। गांव के अंदर बाढ़ के पानी में हुई तबाही साफ दिख रहा था।गांव के अंदर सड़क दलदल बन चुकी है। करीब आधा दर्जन कच्चे मकान गिरे पड़े हुए थे और कुछ गिरने की कगार पर हैं।फतेहपुर में यमुना की बाढ़ में कई कच्चे मकान गिर गए।कई मकान गिरे, कई गिरने की कगार परगांव के अंदर कुछ घरों में पहुंचे तो ग्रामीण अपने घर के आस-पास साफ- सफाई करते नजर आए। ग्रामीण राम सजीवन, फूलचंद्र, राकेश ने बताया कि पानी तो पूरी तरह निकल गया। लेकिन, गांव की सड़क दलदल बनी हुई है। कच्चे मकान गिरे पड़े हैं कुछ पक्के मकान गिरने की स्थिति में है। गांव के बहुत से लोग अभी राहत शिविर में रह रहे हैं।सरकार से मदद की उम्मीदगांव का भ्रमण कर राहत शिविर में पहुंचे तो रामकली, फूलमती, अनुसाई देवी, गुलाबो देवी ने बताया कि उनका कच्चा मकान गिर गया है। खाने को कुछ नहीं है। यहीं राहत शिविर में रुके हैं। शायद सरकर कुछ मदद कर दे। गांव जाने के रास्ता में कीचड़ है। इस मामले में नायब तहसीलदार विकास पांडेय ने बताया कि बाढ़ से पल्टू का पुरवा सबसे ज्यादा प्रभावित रहा।गांव में दवा का हो रहा छिड़कावअब पानी पूरी तरह गांव से निकल चुका है। राजस्व टीम को लगाकर नुकसान का आंकलन कराया जा रहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के टीम दवा का छिड़काव गांव में कर रही है, जिससे कोई बीमारी ना हो। राहत शिविर में अभी गांव के लोग रुके है, जिनको भोजन पानी की व्यवस्था की जा रही। कानपुर-बांदा मार्ग को चालू करा दिया गया है।

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