इस दिशा में न रखें गणेश की मूर्ति
हिंदू धर्म में भगवान गणेश का विशेष महत्व है। किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गणपति की पूजा करना अनिवार्य माना जाता है। भगवान गणेश को आनंद और खुशी का देवता माना जाता है। इसके साथ ही उन्हें विघ्न हरने वाला भी माना जाता है। इसी के कारण उन्हें विघ्नहर्ता कहते हैं।
वास्तु के मुताबिक घर में गणपति की मूर्ति या तस्वीर रखते समय दिशा का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। क्योंकि गलत तरीके से रखी गई मूर्ति जीवन में कई संकट खड़ी कर सकती है।
घर के दक्षिण दिशा में भूलकर भी गणपति भगवान की मूर्ति नहीं स्थापित करनी चाहिए। इसके साथ ही शौचालय, डस्टबिन, स्टोर रूम, सीढ़ियों के नीचे आदि जगहों पर भी गणपति की मूर्ति स्थापित न करें।
घर में गणेश जी की मूर्ति लाते समय मुद्रा का जरूर ध्यान रखें। गणेश जी की मूर्ति ललितासन में बैठे हुए गणेश की तस्वीर या मूर्ति लाना सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि यह मुद्रा शांत और शांति का प्रतिनिधित्व करती है। इसके अलावा गणपति की लेटने की स्थिति वाले तस्वीर या मूर्ति ला सकते हैं। क्योंकि गणपति जी की ऐसी मुद्रा को विलासिता, आराम और धन का प्रतिनिधित्व करती है।
गणपति जी की मूर्ति घर लाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उनकी सूंड किस दिशा की ओर है।गणेश जी ऐसी मूर्ति घर लाएं जिसमें उनकी सूंड बाई ओर की ओर झुकी हुआ है। क्योंकि यह दिशा सफलता और सकारात्मक ऊर्जा को दर्शाती है।
गणेश जी की मूर्ति घर लाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि गणपति हाथ में मोदक जरूर लिए हो और उनका वाह मूषक भी है। क्योंकि मोदक गणपति जी का प्रिय भोजन है और मूषक वाहन है जो हमारे मन और भौतिक इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है।
घर में सिर्फ एक गणेश की मूर्ति रखने की सलाह देते हैं। ऐसा माना जाता है कि एक से अधिक मूर्तियां सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकती है। इसलिए घर में भगवान गणेश की एक ही मूर्ति रखें।
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