ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

भोपाल में निर्माणाधीन इमारत की सातवीं मंजिल से गिरकर मजदूर की मौत

भोपाल। कोलार की मधुवन सिटी में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की सातवीं मंजिल से गिरकर एक मजदूर की मौत हो गई। वह हादसे के समय बांस-बल्ली को मिलाकर ढांचा बांध रहा था। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराने के बाद परिजन को सौंप दिया है।

कोलार थाने के एएसआइ प्रीतम सिंह के मुताबिक अशोक पटेल (60) ग्राम हिनौतिया आलम कोलार रोड में रहते थे और मजदूरी करते थे। अशोक का काम इन दिनों मधुवन सिटी कोलार रोड पर काम चल रहा था। गुरुवार को कुछ मजदूर बिल्डिंग की सातवीं मंजिल पर बिना किसी सुरक्षा के काम कर रहे थे। इसी दौरान अशोक 70 फीट की ऊंचाई बांस-बल्ली का भाड़ा बांधते समय नीचे जमीन पर जा गिरा। ऊंचाई से गिरने के कारण उसे गंभीर चोट आई थी। उनके साथी और अन्य लोगों ने उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने जांच करने के बाद अशोक को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। मृतक की चार बेटियां और एक बेटा है। मृतक की पत्नी भी मजदूरी करती है

पुलिस को मिली तीन खामियां

मामले के जांच अधिकारी प्रीतम सिंह ने बताया कि मजदूर की मौत की सूचना मिलने के बाद मधुवन सिटी का मौका मुआयना किया है। घटनास्थल पर आसपास से साक्ष्य जुटाए गए। जहां निर्माण के दौरान कई खामियां नजर आई हैं। इसमें तीन मुख्य हैं कि वह सातवीं मंजिल पर काम कर रहा था। ऐसे में उसे ठेकेदार द्वारा हेलमेट उपलब्ध क्यों नहीं कराया गया। इससे उसके सिर में चोट लगी है। दूसरा कारण एक बेल्ट उसे क्यों नहीं बांधा गया था। अगर वह बंधा होता तो वह गिरने बच सकता था। यह प्रक्रिया सर्कस में अपनाई जाती है। तीसरी कमी जो नजर आई, वो यह कि वहां नेट लगाकर काम नहीं किया जा रहा था। उसका इंतजाम ठेकेदार को कराना चाहिए थे। इन खामियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए कुछ लोगों के बयान दर्ज किए जाने हैं। उसके बाद मामले में एफआइआर दर्ज की जाएगी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.