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दोस्त बोला- आफताब रिजर्व रहता था; बदबू छिपाने के लिए गुलाब लाया

दिल्ली: श्रद्धा के दोस्तों से बात करने पर उसकी ऐसी लड़की की तस्वीर बनती है, जो बहुत बिंदास और बोल्ड थी, लेकिन रिलेशनशिप में आने के बाद रिजर्व हो गई थी। श्रद्धा, जिसकी हत्या का आरोप उसके लिव-इन पार्टनर आफताब पर है। दिल्ली पुलिस सबूतों की तलाश में महरौली के जंगलों में घूम रही है। इसी जगह आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े फेंके थे।मुंबई की रहने वाली श्रद्धा ने मास मीडिया की पढ़ाई की थी। कॉलेज में दोस्त उसे 4जी गर्ल कहकर बुलाते थे। वह हमेशा हंसती रहती थी। पिक्सी कट बाल होने की वजह से उसकी अलग पहचान भी थी। उसने अपने दोस्तों को आफताब के साथ रिलेशनशिप के बारे में बताया था। श्रद्धा की लाइफ को समझने के लिए हमने कॉलेज में उसके दोस्त रहे रजत से बात की।रजत ने श्रद्धा और उसकी रिलेशनशिप के बारे में जो बताया, पढ़िए…मैं श्रद्धा को 2015 से जानता था। हम बैचलर्स ऑफ मास मीडिया में साथ पढ़े थे, 2015 से 2018 तक। इसके बाद 2019 तक हमारा कॉन्टैक्ट रहा। हमें 2019 में ही पता चला था कि वह आफताब के साथ रिश्ते में है।आफताब कॉलेज में हमारे साथ नहीं था। वह वसई से था और श्रद्धा के घर के आसपास ही रहता था। दोनों काफी मैच्योर थे और अपने फैसले लेने में सक्षम थे। तब हमें लग रहा था कि दोनों का साथ होना ठीक है।श्रद्धा कहती थी, वह रिश्ते से बाहर आना चाहती हैबाद में श्रद्धा बताती थी कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है। हम सभी दोस्तों को लगता था कि वह गलत रिलेशनशिप में है, लेकिन हम दोस्त थे, ज्यादा से ज्यादा सलाह ही दे सकते थे। श्रद्धा बार-बार ये कहा करती थी कि वह इस रिश्ते से बाहर आ सकती है। हम सीमित दायरे में ही उनके रिश्ते में दखल दे सकते थे। हमें उसकी फिक्र तो होती ही थी।आफताब भी बहुत रिजर्व और साधारण था। उसे कभी हम पूरी तरह जान ही नहीं पाए, अब जब उसके बारे में पता चला तो हैरानी हुई। मैं तो कभी उससे नहीं मिला, लेकिन कुछ दोस्त जरूर मिले थे।लगता नहीं कि श्रद्धा शादी के लिए दबाव डालती होगीमुझे ये बात कहानी लग रही है कि श्रद्धा आफताब पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी और इस वजह से ये मर्डर हुआ। जो श्रद्धा को जानते हैं, उन्हें इस बात पर यकीन नहीं होगा। ये विश्वास नहीं होता कि श्रद्धा किसी पर शादी के लिए दबाव डालेगी।श्रद्धा अपनी मां के बहुत करीब थी। एक साल पहले उनका निधन हो चुका है। वह अपने पिता के बहुत नजदीक नहीं थी। उसके बाद शायद वह बहुत अकेली हो गई थी।अब ऐसा लगता है कि आफताब ने उसकी कमजोरी का फायदा उठाया। या उसका कोई और मकसद भी रहा होगा। उसने लाश के 35 टुकड़े किए। हम ये यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि कोई इंसान अकेले ऐसा कर सकता है, हो सकता है कि कुछ और लोग उसके साथ हों। मैं किसी पर शक जाहिर नहीं कर रहा हूं, मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जानता भी नहीं हूं, जो इसमें शामिल रहा हो।पुलिस श्रद्धा के शव के टुकड़ों और सबूतों की तलाश में आफताब को जंगल में लेकर गई थी। हालांकि अब तक शव काटने में इस्तेमाल हथियार नहीं मिला है।मुंबई में बताया था कि जॉब के लिए दिल्ली जा रही हैहमें कभी ये नहीं लगा कि वह आफताब को लेकर कभी इनसिक्योर रही हो। शुरुआत में उनका रिश्ता खूबसूरत था। बाद में आफताब मारपीट करने लगा। उसके बाद वह बहुत अकेली रहने लगी। वह मुंबई से गई थी, तो बताया गया कि जॉब करने के लिए जा रही है। इससे ज्यादा किसी को पता नहीं था।हम महरौली में उस जगह पहुंचे, जहां आफताब और श्रद्धा रहते थे। पड़ोसी दोनों बारे में कुछ नहीं जानते। मेल-मुलाकात तो दूर बातचीत भी नहीं होती थी। पढ़िए ये ग्राउंड रिपोर्ट…’आफताब सिर्फ खाना लेने बाहर आता था, दरवाजा खटखटाने पर बोला- दोबारा ऐसा मत करना ‘दिल्ली के छतरपुर इलाके में संकरी गलियों से होते हुए हम हरे रंग की चार मंजिला इमारत के सामने पहुंचे। इसके आसपास पहले से काफी भीड़ थी। आस-पड़ोस के लोग फुसफुसाकर बात कर रहे थे। आते-जाते लोग भी चौंककर इस बिल्डिंग को देख रहे हैं। इसी इमारत के पहले माले पर श्रद्धा की हत्या का आरोपी आफताब रहता था।आफताब हरे रंग की इस बिल्डिंग में पहले फ्लोर पर रहता था। वह किसी से नहीं मिलता था। बिल्डिंग में रहने वाले लोग इस केस से पहले उसका नाम तक नहीं जानते थे।आफताब का 2 कमरों का फ्लैट बंद है, लेकिन खिड़की अब भी खुली है। कमरे में सामान बिखरा पड़ा है। मैंने आफताब के फ्लैट में खिड़की से झांका तो सामने एक टेबल दिखा। उस पर एक बाउल रखा है। उसमें गुलाब की पंखुड़ियां रखी हैं। हो सकता है कि ऐसी ही चीजें आफताब ने शव की बदबू दबाने के लिए इस्तेमाल की होंगी।आफताब के फ्लैट में गेट के पास ये बाउल दिखा, जिसमें गुलाब की पंखुड़ियां भरी हैं। इसी कमरे में आगे कपड़े सुखाने का स्टैंड भी रखा है।आफताब के फ्लैट के ठीक नीचे ग्राउंड फ्लोर पर मिथलेश कुमार रहते हैं। मिथलेश बताते हैं कि जब वे पहले दिन आए थे, तो उनकी मुलाकात दाढ़ी वाले लड़के से हुई थी। मुझे उस लड़के का नाम नहीं पता था, लेकिन मैं जानता था कि वह फर्स्ट फ्लोर पर रहता है। देर रात उसका खाना आता था और वह सिर्फ खाना लेने के लिए ही बाहर निकला करता था।एक दिन किसी काम से मैंने उसके घर के दरवाजे पर खटखटाया तो बोला कि आज के बाद ऐसा मत करना। मुझे उसका व्यवहार अजीब लगा। हालांकि लड़का देखने में ठीक-ठाक लगता था।फ्लैट से 500 मीटर दूर घना जंगलपास में ही रहने वाले अमर सिंह बताते हैं कि जिस फ्लैट में हत्या हुई है, वहां से जंगल करीब 500-600 मीटर दूर है। यह इतना घना है कि वहां कोई जाता भी नहीं है। अगर वहां कुछ फेंका जाए तो उसका पता चलना बहुत ही मुश्किल है। पूरी लोकैलिटी ही जंगल के आसपास बसी है, इसलिए बॉडी को ठिकाने लगाने के लिहाज से जगह अहम है।आफताब के फ्लैट के आसपास कई घरों में CCTV कैमरे लगे हैं, लेकिन यहां रहने वाले लोग फुटेज देने से बच रहे हैं।आफताब ने 10 मई को खरीदा था फ्रिज, दुकानदार ने कहा- उसे देखकर कुछ गलत नहीं लगाआफताब ने 10 मई को अपने घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान से 260 लीटर का फ्रिज खरीदा था। दुकानदार तिलकराज से हमने आफताब के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह सामान्य ग्राहक की तरह आया था। उसके हावभाव से बिल्कुल भी नहीं लगा था कि कुछ गलत या अटपटा है। उसने अपनी जरूरत बताई और उसके हिसाब से फ्रिज मांगा। हमारे पास जो फ्रिज थे, हमने उसे दिखा दिए।अब पुलिस ने इस फ्रिज को कब्जे में ले लिया है। आरोप है कि आफताब ने शव के टुकड़े रखने के लिए ही इसे खरीदा था। इसके लिए उसने 25 हजार रुपए चुकाए थे। श्रद्धा मर्डर केस में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं,

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