एक वर्ष पूरा हुआ; सुखना और रॉक गार्डन के बीच आकर्षण का केंद्र
चंडीगढ़: बर्ड पार्क में विशालकाय पिंजरों में विदेशी पंछियों को रखा गया है।चंडीगढ के बर्ड पार्क में आज लोग विशालकाय पिंजरों में विदेशी पंछियों को बिल्कुल फ्री में देख पाएंगे। सुखना लेक और रॉक गार्डन के बीच नगर वन में बने इस बर्ड पार्क को आज 1 साल पूरा हो चुका है। जिसे लेकर चंडीगढ़ प्रशासन ने 16 नवंबर के लिए बर्ड पार्क में एंट्री फ्री रखी हुई है। बर्ड पार्क में पिछले 1 साल में 4.5 लाख पर्यटक आ चुके हैं। सामान्य दिनों में यहां वयस्कों के लिए टिकट 50 रुपए रखी गई है। वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट का रेट 100 रुपए तय है। 5 वर्ष से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए टिकट 30 रुपए है। पालतू पक्षियों के सेक्शन में जाने की टिकट का रेट बच्चों और बड़ों के लिए 100 रुपए एवं विदेशियों के लिए 500 रुपए है।पिछले वर्ष 16 नवंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद ने इस बर्ड पार्क का उद्घाटन किया था। नगर वन में बने इस बर्ड पार्क में 900 से अधिक विदेशी पक्षी रखे गए हैं। बीते मंगलवार यहां 15 नए बजरीगर बर्ड्स भी बर्ड पार्क में शामिल किए गए थे। वहीं पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां नगर वन के एंट्री गेट पर टिकट काउंटर खोला गया है। पहले यह 200 मीट अंदर की तरफ था। बर्ड पार्क 6.5 एकड़ में फैला हुआ है।नगर वन में एंट्री फ्री रहती हैपर्यटक नगर वन में दाखिल होकर बर्ड पार्क की तरफ जाते हैं। वहीं नगर वन में एंट्री शहर के अन्य गार्डन की तरह पूरी तरह निशुल्क है। लगभग 100 एकड़ में फैले नगर वन में बच्चों के लिए झूले और कई प्रकार का अन्य आकर्षण मौजूद है।पिछले एक वर्ष में साढ़े चार लाख पर्यटक यहां आ चुके हैं।शुतुरमुर्ग और ईमू भी खरीदे जाएंगेचंडीगढ़ प्रशासन का फॉरेस्ट विभाग 70 लाख की कीमत से 70 विदेशी पक्षी खरीदने जा रहा है। शुतुरमुर्ग अफ्रीका में पाए जाने वाला सबसे बड़ा पक्षी है, जो उड़ नहीं सकता। वहीं दूसरी ओर ईमू ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाला सबसे बड़ा पक्षी है। यह दोनों विशालकाय पक्षी अब बर्ड पार्क का हिस्सा बनने जा रहे हैं।फॉरेस्ट विभाग 6 शुतुरमुर्ग, 6 ईमू, 4 क्रेस्टिड क्रेन (सारस), 6 सिल्वर फीजेंट (तीतर), 6 गुनिया फॉल (मुर्गी), 2 ब्लैक नेक व्हाइट स्वान (हंस), 2 अंब्रेला कोकटू, 20 रेंबो लोरी कीट और 6 डूकोर्प्स कूकटो खरीदेगा। वहीं अमेरिकन बत्तखें रखने की भी योजना है। विभाग ने 6 शुतुरमुर्ग और 6 ईमू के लिए अगल से बड़े पिंजरे भी बनाए हैं।
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